संयुक्त राष्ट्र, संघर्ष में यौन हिंसा पर काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की दूत प्रमिला पैटेन ने सोमवार को एक नयी रिपोर्ट में कहा कि यह मानने के लिए ‘‘उचित आधार’’ हैं कि हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में किए हमले के दौरान महिलाओं से दुष्कर्म, उनका ‘‘यौन उत्पीड़न’’ तथा उनसे अन्य क्रूर और अमानवीय बर्ताव किया। नौ सदस्यीय तकनीकी दल के साथ 29 जनवरी से 14 फरवरी तक इजराइल और वेस्ट बैंक की यात्रा करने वाली पैटेन ने कहा कि यह ‘‘मानने के लिए भी उचित आधार है कि ऐसी हिंसा जारी हो सकती है।’’ रिहा किए गए बंधकों से प्राप्त सूचना के आधार पर उन्होंने बताया कि दल को ‘‘स्पष्ट और विश्वस्त सूचना’’ मिली है कि बंधक बनाए जाने के दौरान कुछ महिलाओं और बच्चों से दुष्कर्म और ‘‘यौन उत्पीड़न’’ समेत यौन हिंसा की गयी। यह रिपोर्ट सात अक्टूबर को हुए हमले के करीब पांच महीने बाद आयी है। इस हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हो गयी और करीब 250 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। हमास पहले इन आरोपों को खारिज कर चुका है कि उसके लड़ाकों ने यौन हिंसा की है। पैटेन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया कि उनका दल यौन हिंसा के पीड़ितों को ‘‘आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के समन्वित प्रयासों के बावजूद’’ उनमें से किसी से मुलाकात नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि पीड़ितों की संख्या अब भी पता नहीं चली है लेकिन उनमें से कुछ लोग गंभीर मानसिक तनाव और आघात का इलाज करा रहे हैं। बहरहाल, दल के सदस्यों ने इजराइली संस्थाओं के साथ 33 बैठकें कीं और सात अक्टूबर के हमलों में बचे लोगों और गवाहों, रिहा किए गए बंधकों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं तथा अन्य समेत 34 लोगों का साक्षात्कार लिया। दल द्वारा एकत्र की गयी सूचना के आधार पर पैटेन ने कहा, ‘‘यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि सात अक्टूबर को हुए हमलों के दौरान गाजा में कई स्थानों (कम से कम तीन स्थान) पर दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म समेत संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा हुई।’’ उन्होंने बताया कि दल को विभिन्न स्थानों पर ‘‘ज्यादातर महिलाओं के पूरी तरह या आंशिक रूप से निर्वस्त्र शव मिले और उनके हाथ बंधे हुए थे तथा उन्हें कई गोलियां मारी गयी थी।’’ क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common