चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में बुधवार को प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा और भिवानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 358 दर्ज किया गया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ‘समीर ऐप’ के अनुसार पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 355 दर्ज किया गया। हरियाणा के पानीपत में एक्यूआई 336 सोनीपत और चरखी दादरी दोनों स्थानों में 322 जींद में 313 रोहतक में 275 गुरुग्राम में 273 पंचकूला में 266 बहादुरगढ़ में 258 कुरुक्षेत्र में 248 तथा यमुनानगर में 242 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 308 अमृतसर में 270 पटियाला में 258 जालंधर में 229 लुधियाना में 209 और रूपनगर में 191 रहा। एक्यूआई 0-50 को ‘अच्छा’ 51-100 को ‘संतोषजनक’ 101-200 को ‘मध्यम’ 201-300 को ‘खराब’ 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद पराली जलाए जाने को लेकर पंजाब और हरियाणा को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। धान की कटाई के बाद गेहूं की बोवाई के लिए बहुत कम समय बचे होने के कारण कुछ किसान फसल अवशेषों को जल्द साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common