शिमला, हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध भीमाकाली मंदिर के एक हिस्से के लगातार धंसने के कारणों का अध्ययन करने के लिए मंडी स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी और उनकी रिपोर्ट के आधार पर कदम उठाए जाएंगे। यह जानकारी लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बृहस्पतिवार को दी। सिंह ने रामपुर में भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मंदिर का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है और विशेषज्ञों की रिपोर्ट मिलने तक कोई मरम्मत या अतिरिक्त निर्माण कार्य नहीं किया जाना चाहिए। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार सिंह ने कार्यकारी अभियंता को आईआईटी मंडी से संपर्क करने का निर्देश दिया ताकि जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार की जा सके। मंत्री ने मंदिर ट्रस्ट से अपनी गतिविधियों के बारे में अपनी वेबसाइट को नियमित रूप से अपडेट करने को भी कहा है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common