शिमला, हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत पेंशन देने के लिए बृहस्पतिवार को एक अधिसूचना जारी की। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले 18 से 59 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, जिसके पूरा नहीं होने पर राज्य सरकार की आलोचना हो रही थी।
चार मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये देगी, जिससे पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा।
अधिसूचना के अनुसार, आयकर दाताओं, मठों में स्थायी रूप से रहने वाली महिला भिक्षुओं, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के पेंशनभोगियों, पंचायती राज संस्थानों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों को यह राशि नहीं मिलेगी।
पेंशन के दायरे से बाहर की गई अन्य श्रेणियों में संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक कर्मचारी, पूर्व सैनिक और उनकी पत्नियां, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक, आशा कर्मचारी, मध्याह्न भोजन कर्मचारी और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी शामिल हैं। महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक प्रदान करना हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा दी गई 10 ‘गारंटी’ में शामिल था। इससे पहले, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने पेंशन लागू नहीं होने को लेकर सुक्खू पर महिलाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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