हिमाचल रास चुनाव: निर्वाचन आयोग ने भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई नहीं की- कांग्रेस

शिमला  कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई ने बुधवार को दावा किया कि फरवरी में राज्य से एक राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के जबरदस्ती मतदान स्थल पर घुसने और उम्मीदवारों के मतदान एजेंट के साथ दुर्व्यवहार करने संबंधी उसकी शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान नहीं लिया।           

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दावा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर  भाजपा के अन्य विधायकों के साथ जबरदस्ती मतदान केंद्र में घुस गये थे और मतदान एजेंट के साथ दुर्व्यवहार किया था। उन्होंने भाजपा नेताओं के इस कृत्य को गैर कानूनी और आपराधिक करार दिया।      उन्होंने कहा  ‘‘इसके तुरंत बाद निर्वाचन आयोग को लिखित शिकायत दी गई थी लेकिन उसने न तो इस पर संज्ञान लिया और न ही कोई कार्रवाई शुरू की।’’   

नेगी ने आरोप लगाया कि भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल और पार्टी के अन्य नेताओं ने मतदान केंद्र का दरवाजा भी तोड़ने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा  ‘‘हमने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और पीठासीन अधिकारी से शिकायत की जिसके बाद उन्हें रोकने के लिए पुलिस बुलाई गई।’’    

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए 27 फरवरी को हुए मतदान के लिए तीन निर्दलीय और कांग्रेस के छह विधायकों ने पाला बदलकर भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। कांग्रेस की अर्जी पर उसके इन छह विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया गया था। इसके बाद ये सभी भाजपा में शामिल हो गए थे। अब वे भाजपा के टिकट पर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से फिर से उपचुनाव लड़ रहे हैं।        

नेगी ने आरोप लगाया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने राज्य में निर्वाचित कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए साजिश रची और पैसे और दबाव की रणनीति का इस्तेमाल करके अवैध और असंवैधानिक तरीकों का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि हालांकि भाजपा अपने इस मंसूबे में सफल नहीं हो सकी।   

तीन निर्दलीय विधायकों देहरा से होशियार सिंह  हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से के. एल. ठाकुर ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है लेकिन अब तक उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। इस संदर्भ में नेगी ने कहा  ‘‘हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है कि ये विधायक वास्तव में लगभग एक महीने तक भाजपा की हिरासत में थे और उन्होंने दबाव में इस्तीफा दिया है।’’           

उन्होंने सवाल किया कि जब तीनों निर्दलीय विधायक इस्तीफा देने जा रहे थे तब जयराम ठाकुर उनके साथ क्यों थे।           नेगी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता राज्यपाल पर भी दबाव बना रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विधानसभा अध्यक्ष तीनों निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लें।      

कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी और आगामी लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा उपचुनाव में करारा जवाब देगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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