वाशिंगटन, अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का मंगलवार को पहली बार आमना-सामना हुआ और उन्होंने अमेरिकी विदेश नीति अर्थव्यवस्था सीमा सुरक्षा और गर्भपात जैसे विषयों पर अपने तर्क रखे। दोनों नेताओं के बीच यह बहस व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के लिए उनकी दावेदारी के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
बहस की शुरुआत मंगलवार को दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर की लेकिन बाद में यह तीखे आक्रामक प्रहार में बदल गयी। पेन्सिलवेनिया में 90 मिनट चली इस बहस के दौरान रिपलब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैरिस ने आगामी चार साल के लिए अपना अलग-अलग नजरिया पेश किया जिसे वे राष्ट्रपति बनने पर लागू करना चाहेंगे।
उपराष्ट्रपति (59) ने अपनी पूरी बात को समेटते हुए अंत में टिप्पणी की ‘‘मुझे लगता है कि आपने आज रात देश के लिए दो बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण सुने। एक जो भविष्य पर केंद्रित है और दूसरा जो अतीत पर केंद्रित है तथा हमें पीछे की ओर ले जाने वाला है। लेकिन हम पीछे नहीं जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘मेरा मानना है कि अमेरिकी जनता यह जानती है कि हमें जो चीजें एक दूसरे से अलग करती हैं उसकी तुलना में हमारे पास ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो हमारे बीच समानता पैदा करती हैं। और हम आगे बढ़ने का एक नया रास्ता बना सकते हैं।’’ट्रंप (78) ने हैरिस से पूछा आखिर उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन और अपने नेतृत्व वाले प्रशासन में इन साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में ये चीजें क्यों नहीं कीं।
टूंप ने बहस के समापन में अपनी टिप्पणी में कहा ‘‘उन्होंने इसी बात से शुरुआत की कि वह ऐसा करेंगी वह वैसा करेंगी। वह इन सारी बेहतरीन चीजें करने वाली हैं। लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया इन सबको करने के लिए उनके पास साढ़े तीन साल का समय था। सीमा का विवाद सुलझाने के लिए उनके पास साढ़े तीन साल थे। रोजगार पैदा करने के लिए और जिन भी चीजों पर हमने बात की इसके लिए उनके पास साढ़े तीन साल थे। उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया ’’
यह दूसरी ‘प्रेसीडेंशियल डिबेट’ थी लेकिन ट्रंप और हैरिस के बीच यह पहली बहस थी। पहली ‘प्रेसीडेंशियल डिबेट’ 27 जून को राष्ट्रपति जो बाइडन और ट्रंप के बीच हुई थी। इस बहस में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाइडन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया और नवंबर में होने वाले चुनाव में हैरिस के लिए पार्टी उम्मीदवार बनने का मार्ग प्रशस्त किया। हैरिस ने कहा ‘‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि अमेरिका के लोग एक ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो इस बात के महत्व को समझे कि हमें एकसाथ आना चाहिए और जो चीजें हमें अलग करती हैं उसकी तुलना में हमारे बीच कई समानताएं हैं। मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं सभी अमेरिकी नागरिकों की राष्ट्रपति बनूंगी।’’
ट्रंप ने कहा ‘‘हर कोई जानता है कि मैं क्या करने जा रहा हूं। मैं करों में बहुत कटौती करूंगा और एक बेहतरीन अर्थव्यवस्था बनाऊंगा जैसा मैंने पहले किया था। हमारे पास सबसे बेहतरीन अर्थव्यवस्था थी। महामारी के कारण यह प्रभावित हुई। हमने महामारी के दौरान शानदार काम किया।’’ लेकिन जल्द ही बहस ने तीखा मोड़ ले लिया जब ट्रंप और हैरिस एक दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगाते दिखे। ट्रंप ने आरोप लगाया कि हैरिस मार्क्सवादी विचारधारा वाली हैं जबकि हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति को अक्खड़ और एक ऐसा व्यक्ति कहा जो देश को पीछे की ओर धकेलना चाहता है।
ट्रंप ने आरोप लगाया ‘‘तीन-चार साल पहले उनका जो भी मानना था वह अब गौण है। वह अब मेरे नजरिए को अपनाती दिख रही हैं… लेकिन अगर वह राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वह इसे बदल देंगी और यह हमारे देश के अंत का कारण बनेगा। वह एक मार्क्सवादी विचारधारा वाली महिला हैं। उनके पिता अर्थव्यवस्था में मार्क्सवादी प्रोफेसर थे और उन्होंने उन्हें (हैरिस को) इसकी बेहतर शिक्षा दी है।’’ ट्रंप ने दावा किया कि हैरिस बाइडन प्रशासन में सीमा मामलों को देखती थीं।
उन्होंने दावा किया ‘‘आप देखिए देश में हर महीने लाखों प्रवासी आते हैं आप देखिए उन्होंने (इस बारे में) क्या किया है। मेरा मानना है कि 2.1 करोड़ लोग (प्रवासी) आते हैं 1.5 करोड़ लोग नहीं जैसा कि लोग कहते हैं और मुझे लगता है कि यह संख्या 2.1 करोड़ से कहीं ज्यादा है।’’ उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर अपराधी हैं और यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया ‘‘खराब अप्रवासन हमारी अर्थव्यवस्था के साथ होने वाली सबसे बुरी चीज है। उन्होंने (बाइडन और हैरिस ने) खराब नीतियों के कारण हमारे देश को तबाह कर दिया है।’’
बहस का संचालन कर रहे ‘एबीसी न्यूज’ के संचालकों को इस दौरान कई बार तथ्यों की जांच के लिए कहना पड़ा। हैरिस ने कहा ‘‘जैसा कि मैंने कहा था कि आपको कई झूठ सुनने को मिलेंगे और वास्तव में यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।’’
हैरिस ने कहा कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो वह राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंध विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया ‘‘एक राष्ट्रीय गर्भपात निगरानी तंत्र होगा जो आपकी गर्भावस्था आपके गर्भपात की निगरानी करेगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिकी लोगों का मानना है कि कुछ स्वतंत्रताएं विशेष रूप से अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने की स्वतंत्रता सरकार द्वारा नहीं दी जानी चाहिए।’’ ट्रंप ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि गर्भपात की नीति राज्यों द्वारा तय की जानी चाहिए। हैरिस ने कहा कि अमेरिका को एक ऐसा नेता चाहिए जो सामने आने वाली समस्याओं का समाधान और उन पर ध्यान दे।
बहस के दौरान हैरिस कई बार ट्रंप को बीच में टोकती नजर आईं और ट्रंप कई बार हैरिस पर कटाक्ष और तंज करते दिखे कि आखिर उनकी रैलियों में लोग पहले ही क्यों चले जाते हैं। ट्रंप ने संकल्प जताया कि अगर वह पांच नवंबर को आम चुनाव में जीतते हैं तो वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करेंगे।
पूर्व राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कई बार अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया और कहा कि जिस तरह से वहां से अमेरिकी सेना को वापस बुलाया गया वह ‘‘अमेरिका के इतिहास में सबसे शर्मनाक पल था’’। इस पर हैरिस ने तालिबान के साथ उनकी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि यह याद रखना चाहिए कि (सैनिकों की) वापसी किस हालात में हुई। ट्रंप ने दावा किया कि हैरिस ‘‘इजराइल से नफरत’’ करती हैं जिस पर उपराष्ट्रपति ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्रंप ‘‘तानाशाहों’’ को पसंद करते हैं। हैरिस ने ट्रंप को संबोधित करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने कई देशों के नेताओं से बात की है और उनका कहना है कि ‘‘आप बहुत अक्खड़ किस्म के व्यक्ति हैं।’’ ट्रंप बार-बार हैरिस और बाइडन को कमजोर बताते रहे।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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