नयी दिल्ली, भारत की शीर्ष महिला पहलवानों में से एक साक्षी मलिक अक्टूबर में अपनी आत्मकथा लेकर आएंगी जिसमें वह अपने जीवन के उतार-चढ़ाव और अन्य चीजों का ‘ईमानदारी से ब्यौरा’ देंगी। जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित साक्षी की आत्मकथा ‘विटनेस’ के सह-लेखक जोनाथन सेल्वाराज हैं। अपनी आत्मकथा में साक्षी ने अपने बचपन रोहतक में कुश्ती से परिचय रियो ओलंपिक में जीत (कांस्य पदक जीतना) ओलंपिक के बाद की यात्रा चोटों और आत्मसंदेह से संघर्ष और जीत तथा अंत में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रशासन के साथ हाल ही में नयी दिल्ली की सड़कों पर हुई सार्वजनिक संघर्ष की कहानी बयां की है। जगरनॉट ने एक बयान में कहा कि उनकी कहानी में भारत में महिला कुश्ती की दुनिया के बारे में रोचक जानकारियां हैं जिसमें ट्रेनिंग शिविर का जीवन शारीरिक छवि डेटिंग वित्त और एक एलीट अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनने के लिए क्या करना पड़ता है वह शामिल है। साक्षी ने कहा ‘‘यह मेरे जीवन का एक बहुत ही ईमानदार विवरण है – उतार-चढ़ाव और बीच की हर चीज। मैंने इस पुस्तक को अपना सब कुछ दिया है और मुझे उम्मीद है कि पाठकों को यह पसंद आएगी।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common