अत्याचारों के लिए सूडान के नेताओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र: मानव अधिकार समूह

काहिरा, एक प्रमुख मानवाधिकार समूह ने शुक्रवार को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से सूडान के अशांत दारफुर क्षेत्र में “अत्याचारों के लिए जिम्मेदार” लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान में अप्रैल में अराजकता फैल गई थी जब अब्देल फतह बुरहान के नेतृत्व वाली सेना और मोहम्मद हमदान डागालो के नेतृत्व वाली अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच महीनों चला तनाव खार्तूम की खुली लड़ाई में बदल गया। अमेरिका इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालेगा। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका को प्रतिबंध लगाने चाहिए जिससे, “यह सुनिश्चित किया जा सके कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंततः नागरिकों की रक्षा के लिए कार्य करे और अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहरा सके।” न्यूयॉर्क में स्थित एचआरडब्ल्यू ने कहा कि उपग्रह फुटेज के विश्लेषण और साक्ष्यों के अनुसार केवल पश्चिम दारफुर में कम से कम सात गांव और कस्बे लगभग पूरी तरह से जल गए या नष्ट हो गए हैं। इनमें हबीला कनारी, मेजमेरे, मिस्टरी, मोले, मुर्नेई, गोकोर और सिरबा शामिल हैं। एचआरडब्ल्यू के कार्यकारी निदेशक तिराना हसन ने कहा, “पश्चिमी दारफुर में एक के बाद एक शहर जलकर खाक हो गए हैं जिससे हजारों नागरिक अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। इसे लेकर दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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