अदालत ने ऑटो, टैक्सी चालकों के लिए वर्दी के खिलाफ याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों के अनिवार्य रूप से वर्दी पहनने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से बृहस्पतिवार को जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया। दरअसल, याचिका में कहा गया है कि वर्दी नहीं पहनने पर राष्ट्रीय राजधानी में चालकों को 20,000 रुपये तक का चालान जारी किया जा रहा है, जबकि इस विषय पर कानून अस्पष्ट है।
चालकों के यूनियन ‘चालक शक्ति’ ने यह याचिका दायर की है, जिसमें एक ऑटो रिक्शा चालक और एक टैक्सी चालक ने आरोप लगाया है कि वर्दी के जरिए चालकों को एक अलग पहचान प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद 14,19(1) (जी) और 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन करता है।
याचिका में कहा गया है कि वर्दी उन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी डालता है जिससे वे स्वच्छता पर कम खर्च कर पाते हैं और इससे यात्रियों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा होता है।
यूनियन और चालकों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता पारस जैन ने अदालत से कहा कि वर्दी के रंग पर प्राधिकारों के बीच एक राय नहीं है। दिल्ली मोटर वाहन नियम,1993 का नियम-7 खाकी रंग का प्रावधान करता है जबकि राज्य प्राधिकारों के अनुसार यह स्लेटी रंग का होना चाहिए।
अदालत ने विषय की सुनवाई की अगली तारीख 20 अगस्त तय की है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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