अमेरिका को यह समझने की जरूरत है कि भारत के रूस के साथ पुराने संबंध हैं : अमेरिकी एडमिरल

वाशिंगटन, अमेरिका के एक शीर्ष एडमिरल ने सांसदों से कहा कि अमेरिका को यह समझने की जरूरत है कि सुरक्षा सहयोग और सैन्य साजो सामान के लिए भारत के रूस के साथ पुराने संबंध हैं।

साथ ही एडमिरल ने संकेत दिए कि वह प्रमुख रक्षा साजो सामान खरीदने के लिए प्रतिबंधों का सहारा लेने के बजाय भारत को रूस से विमुख करने की कोशिश करेंगे।

एडमिरल जॉन एक्वीलिनो ने अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान के अगले कमांडर के तौर पर मंगलवार को अपने नाम की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई में यह कहा। वह रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के भारत के फैसले पर पूछे गए सीनेटर जीन शाहीन के सवाल का जवाब दे रहे थे।

शाहीन ने पूछा, ‘‘क्या हमें भारत पर प्रतिबंध लगाना चाहिए अगर वह एस-400 खरीदते हैं तो?’’

इस पर एक्वीलिनो ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह फैसला मैं नीति निर्माताओं पर छोड़ दूंगा। मुझे लगता है कि हमें यह समझना चाहिए कि हम भारत के साथ कहां खड़े हैं और मुझे लगता है कि विकल्प उपलब्ध कराने का कदम ज्यादा बेहतर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सच में एक शानदार साझेदार है और जैसा कि हमने हाल की क्वाड वार्ता में देखा तो मुझे लगता है कि क्वाड में भारत और अन्य देशों की महत्ता बढ़ेगी। हमारे रिश्ते संतुलित हैं। हालांकि भारत के सुरक्षा सहयोग और सैन्य साजो सामान के लिए रूस के साथ पुराने संबंध हैं।’’

एडमिरल ने कहा, ‘‘अगर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मैं भारत को अमेरिकी हथियार खरीदने के लिए प्रेरित करने की दिशा में काम करूंगा।’’

सीनेटर डेब्रा फिश्चर के एक सवाल पर एक्वीलिनो ने कहा कि भारत ने चीन के साथ गतिरोध के बीच अपनी पूर्वोत्तर सीमा की रक्षा करने के लिए जो काम या प्रयास किया है, वह उल्लेखनीय है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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