अमेरिका में कार्टर के जमाने से बना हुआ है गोपनीय दस्तावेज रखने का मुद्दा

वाशिंगटन, गोपनीय दस्तावेजों का विषय राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ही जुड़ा नहीं है, बल्कि कम से कम तीन राष्ट्रपति, एक उप राष्ट्रपति, एक विदेश मंत्री और एक अटॉर्नी जनरल का नाम भी इससे जुड़ चुका है।

गोपनीय दस्तावेज किस-किसने अपने पास रखे, यह विषय जटिल होता जा रहा है और मंगलवार को नयी बात सामने आई कि पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी पद छोड़ने के बाद इस तरह के रिकॉर्ड अपने पास रख रखे थे।

पेंस के वकील और सहयोगियों के अनुसार, बाइडन की तरह, पेंस ने भी स्वेच्छा से उन्हें एक तलाशी के दौरान मिलने के बाद अधिकारियों को सौंप दिया।

इस खुलासे ने दस्तावेजों के उचित रख-रखाव के मुद्दे को महत्वपूर्ण बना दिया है। अन्यथा अमेरिका में यह प्रक्रिया कम महत्वपूर्ण रही है।

यह समस्या दशकों से सामने आती रही है। जिमी कार्टर के समय से विभिन्न प्रशासनों में राष्ट्रपतियों से लेकर कैबिनेट सदस्यों तक इसे देखा जाता रहा है।

यह मुद्दा तब और प्रमुखता से सामने आया जब ट्रंप ने अपने फ्लोरिडा स्थित परिसर में गोपनीय दस्तावेजों को जानबूझकर अपने पास ही रखा। इसके बाद पिछले साल एफबीआई की अभूतपूर्व तलाशी में हजारों पन्नों के रिकॉर्ड जब्त किये गये।

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि इससे पता चलता है कि पिछली सरकारों में सभी स्तरों पर रहे पदाधिकारी गोपनीय दस्तावेज दबाकर रखते हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/Jimmy_Carter#/media/File:JimmyCarterPortrait2.jpg

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