अलीबाग (महाराष्ट्र), एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार किए गए रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को यहां की एक अदालत ने 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया ।
अदालत ने रात में यह आदेश सुनाया।
गोस्वामी ने जमानत के लिए अर्जी दी और अदालत ने जांच अधिकारी को जवाब दाखिल करने को कहा। पत्रकार गोस्वामी के वकील गौरव पारकर ने इस बारे में बताया ।
उन्होंने कहा कि अलीबाग की एक अदालत में पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिनों की हिरासत देने का अनुरोध किया ।
रायगढ पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी (47) को सुबह में मुंबई में उनके आवास से हिरासत में लिया था। उन्हें पुलिस वैन में बैठाया गया। गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 34 (समान मंशा के साथ लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत गोस्वामी को गिरफ्तार किया।’’
गोस्वामी को लेकर आए वाहन के अलीबाग पहुंचने पर उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया । गोस्वामी के वकील ने पत्रकार के साथ पुलिस द्वारा कथित हाथापाई के आरोप लगाए । इसके बाद अदालत ने पुलिस को चिकित्सा जांच के लिए गोस्वामी को सिविल हॉस्पिटल ले जाने को कहा।
पारकर ने कहा, ‘‘गोस्वामी को अलीबाग में एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया जहां उन्होंने सुबह में उनके घर में घुसकर पुलिस टीम द्वारा हाथापाई करने के आरोप लगाए। ’’
मजिस्ट्रेट ने आरोपों का संज्ञान लिया और पुलिस को चिकित्सा जांच के लिए गोस्वामी को सिविल हॉस्पिटल ले जाने को कहा ।
चिकित्सा जांच के बाद गोस्वामी को उनकी हिरासत पर सुनवाई के लिए वापस अदालत लाया गया।
पुलिस ने कहा कि वास्तुकार और उनकी मां ने रिपब्लिक टीवी द्वारा कथित तौर पर बकाया भुगतान नहीं करने पर 2018 में खुदकुशी कर ली थी।
इस साल मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि उन्होंने वास्तुकार अन्वय नाईक की बेटी आज्ञा नाईक की शिकायत के बाद मामले में फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया