आकस्मिक हृदयाघात से पहले महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग लक्षण देखे गये: अध्ययन

नयी दिल्ली, ‘द लांसेट डिजिटल हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित नये अध्ययन में दावा किया गया है कि लोग अचानक दिल का दौरा पड़ने से पहले कुछ चेताने वाले लक्षणों का सामना करते हैं जो महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग होते हैं।अमेरिका में कैलिफोर्निया स्थित केडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर के स्मिट हार्ट इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में किये गये अध्ययन में सामने आया कि महिलाओं को अचानक हृदयाघात से पहले सामान्य तौर पर सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, वहीं पुरुषों को सीने में दर्द की शिकायत होती है।दोनों लिंगों के कुछ छोटे उपसमूहों के लोगों में धड़कन तेज होने और बुखार आने जैसे लक्षण भी देखे गये।अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि आकस्मिक दिल के दौरे के शिकार हुए लोगों को हृदयगति रुकने से 24 घंटे पहले सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और धड़कन अनियमित होने जैसे लक्षणों में से कम से कम एक का सामना करना पड़ा।अध्ययन में कहा गया है कि इस तरह की चेतावनियों को समझकर आपात स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत वाले लोगों की आकस्मिक मृत्यु को टाला जा सकता है।अध्ययन के लेखक सुमित चुघ ने कहा, ‘‘हमारे निष्कर्ष अचानक हृदयाघात को रोकने के लिए नये प्रतिमान तय कर सकते हैं।’’अध्ययन के अनुसार अस्पताल से बाहर अचानक से दिल का दौरा पड़ने के 90 प्रतिशत मामलों में रोगी की जान चली जाती है और इसलिए बेहतर पूर्वानुमान तथा इस स्थिति की रोकथाम की तत्काल जरूरत है।अनुसंधानकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए अमेरिका के दो समुदाय आधारित अध्ययनों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। दोनों ही अध्ययन चुघ ने किये थे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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