आज का भारत बिना डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग रहता है: मोदी

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है जो बिना किसी डर या दबाव के, अपने हितों के लिए अडिग रहता है और जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो तब भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 42वें स्थापना दिवस के मौके पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रही है। आज देश के पास नीतियां भी हैं, नियत भी है। आज देश के पास निर्णयशक्ति भी है और निश्चयशक्ति भी है।’’

उन्होंने कहा कि इसलिए आज देश जो लक्ष्य तय कर रहा है, उन्हें पूरा भी कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया देख रही है कि कोरोना काल के मुश्किल दौर में भी भारत अपने 80 करोड़ गरीबों व वंचितों को मुफ्त राशन दे रहा है।

उन्होंने कहा कि अपने नागरिकों का जीवन आसान बनाना भाजपा सरकारों और डबल इंजन की सरकारों की प्राथमिकता रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीबों को पक्के घर से लेकर शौचालय के निर्माण तक, आयुष्मान भारत योजना से लेकर उज्ज्वला योजना तक, हर घर नल से जल से लेकर हर गरीब को बैंक खाते तक, ऐसे कितने ही काम हुए हैं जिनकी चर्चा अगर मैं करना शुरू करो तो शायद कई घंटे निकल जाएं। सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ हम सबका विश्वास प्राप्त कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक भाजपा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ के संकल्प को निरंतर सशक्त कर रही है।

मोदी ने कहा कि भाजपा का स्थापना दिवस ऐसे समय पर आया है, जब पार्टी ने चार राज्यों में अपनी सत्ता बरकरार रखी और राज्यसभा में 100 सांसदों वाली, तीन दशकों में पहली पार्टी बनी।

इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भाजपा मुख्यालय पर ध्वजारोहण किया और पार्टी के विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में एक रक्तदान शिविर का भी उद्घाटन किया।

भाजपा की स्थापना 1980 में आज ही के दिन हुई थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित भारतीय जन संघ से इस नई पार्टी का जन्म हुआ।

वर्ष 1977 में आपातकाल की घोषणा के बाद जनसंघ तथा कई अन्य दलों का विलय हुआ और जनता पार्टी का उदय हुआ। पार्टी ने 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस से सत्ता छीनी थी और 1980 में जनता पार्टी को भंग कर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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