आतंकवाद एक वैश्विक संकट, आतंकी पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए : इब्सा

न्यूयॉर्क, भारत और इब्सा (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) समूह के अन्य सदस्यों ने कहा है कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है, जिसका मुकाबला किया जाना चाहिए और दुनिया के हर हिस्से में आतंकवादियों की पनाहगाहों को समाप्त किया जाना चाहिए।

इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र स्वीकृत करने के संयुक्त प्रयास को बढ़ाने के अपने संकल्प को भी दोहराया।

इब्सा कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समूह के रूप में उभरा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) के त्रिपक्षीय मंत्री स्तरीय आयोग की दसवीं बैठक की मेजबानी की। इल दौरान उन्होंने इब्सा की प्रक्रिया की समीक्षा की और इसके कार्यों को सराहा।

ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांका और दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जोए फाहला भी बैठक में शामिल हुए।

त्रिपक्षीय मंत्री स्तरीय आयोग की दसवीं बैठक के बाद इब्सा की ओर से जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रियों ने दुनियाभर में हो रहे आतंकवादी हमलों की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और कृत्यों की निंदा की, फिर चाहे ये कहीं भी और किसी के भी द्वारा किए गए हों।’’

बयान के मुताबिक, ‘‘मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है, जिससे लड़ा जाना चाहिए और दुनिया के हर हिस्से में मौजूद आतंकवादी पनाहगाहों को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी एकजुटता और संकल्प की पुष्टि की।’’

बयान में कहा गया है कि मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को तेजी से अपनाने के लिए संयुक्त प्रयासों को गति देने के अपने संकल्प को दोहराया।

भारत ने 1986 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) को लेकर एक मसौदा दस्तावेज का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है, क्योंकि सदस्य देशों के बीच आतंकवाद की परिभाषा पर आम सहमति नहीं है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://www.maxpixel.net/Crime-Terrorists-Destruction-Stop-Terrorism-Terror-2697658

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