आप ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर जानबूझकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस सुनवाई के दौरान उन्होंने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी है। इसके बाद कोर्ट ने डॉ. सरीन कमेटी का गठन किया और इस कमेटी ने कोर्ट को सलाह दी कि सरकार को डॉक्टर और अन्य स्टाफ की भर्ती करनी चाहिए। इस दौरान उन्हें पता चला कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक और हलफनामा दाखिल किया है, जिसे मुझे दिखाए बिना और मंजूरी लिए बिना ही दाखिल कर दिया गया।

भारद्वाज ने कहा कि नियमों के मुताबिक किसी भी विभाग की ओर से कोर्ट में दाखिल हलफनामा मंत्री की मंजूरी के बिना दाखिल नहीं किया जा सकता। लेकिन इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने उनकी जानकारी के बिना दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि यह हलफनामा सर्विसेज विभाग ने दायर किया। साथ ही, अधिकारियों द्वारा कोर्ट में दायर हलफनामा पूरी तरह से झूठा था और इसे दायर करने के लिए एलजी के अधीन स्टैंडिंग काउंसिल का इस्तेमाल किया गया, ऐसा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा।

हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने सुझाव दिया था कि अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और मोहल्ला क्लीनिकों में कम से कम दो महीने की दवाओं का स्टॉक होना चाहिए। मैंने अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसा करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन अधिकारियों द्वारा कोर्ट में दायर हलफनामे में लिखा था कि सभी अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और मोहल्ला क्लीनिकों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। इस हलफनामे को स्वास्थ्य सचिव ने मंजूरी दी थी। हालांकि मैंने कई बार मुख्य और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर बताया था कि अस्पतालों में दवाओं की कमी है। इसके बावजूद इन अधिकारियों ने कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया।” भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा,

भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दवाओं की कमी के संबंध में लगातार अधिकारियों को पत्र लिखे और उन्हें दवाओं की भारी कमी से अवगत कराया।

सीडीएमओ की रिपोर्ट के अनुसार मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों की कमी है। इसके बावजूद अधिकारियों ने हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल कर कहा कि दवाओं की कोई कमी नहीं है। इस झूठे हलफनामे का उद्देश्य दिल्ली के अस्पतालों में दवाओं की कमी को छिपाना था। भारद्वाज ने कहा, “इस हलफनामे से कोर्ट को गुमराह किया गया है। अब मैं इसकी फाइल विधि विभाग को भेज रहा हूं और स्वास्थ्य विभाग के सचिव और सेवा विभाग के स्टैंडिंग काउंसिल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिख रहा हूं।”

Photo : Wikimedia

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