इजराइली अधिकारी ने गाजा में एपी की इमारत संबंधी सैन्य प्रमुख की टिप्पणियां वापस लीं

यरूशलम, इजराइल के रक्षा मंत्री ने गाजा पट्टी पर एसोसिएटेड प्रेस और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय वाली ऊंची इमारत पर इजराइली हमले के बाद की गई देश के सैन्य प्रमुख की टिप्पणी से स्वयं को अलग करते हुए कहा कि इस टिप्पणी को शब्दश: लेने की आवश्यकता नहीं है।

चैनल 12 वेबसाइट पर सप्ताहांत में प्रकाशित एक लेख में सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अवीव कोहावी के हवाले से कहा गया था कि ‘‘इमारत को नष्ट करना सही था’’ और उन्हें ऐसा करने का ‘‘बिल्कुल अफसोस’’ नहीं है।

लेख में दावा किया गया कि गाजा पर शासन करने वाला हमास का सैन्य समूह जाला टावर की कई मंजिलों का इस्तेमाल ‘‘इलेक्ट्रॉनिक युद्ध’’ के लिए कर रहा है, जिसका मकसद इजराइली वायुसेना के जीपीएस संवाद को बाधित करना है।

लेख में कहा गया था कि कोहावी ने ‘‘एक विदेशी सूत्र’’ को बताया था कि एपी के पत्रकार जाने-अनजाने में हमास के इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञों के साथ इमारत के प्रवेश द्वार पर एक कैफेटेरिया में हर सुबह साथ कॉपी पीते थे।

‘एपी’ ने इस टिप्पणी को ‘‘पूरी तरह गलत बताया’’ और कहा कि ‘‘इमारत में कोई कैफेटेरिया ही नहीं है’’।

कोहावी के बयान के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब चीफ ऑफ स्टाफ ने इस बारे में बात की, तो वह वास्तविक पहलू नहीं, बल्कि माहौल के बारे में बताना चाहते थे।’’

गांन्त्ज ने भी आरोप लगाया कि ‘‘इमारत से हमास भी काम करता था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह दावा कभी नहीं किया गया कि एपी के पत्रकार जान बूझकर हमास के कर्मियों से बात करते थे। इसके विपरीत, हमास जिस तरह की गतिविधियां करता है, एपी के पत्रकारों को इसका पता ही नहीं चल सकता कि हमास के सदस्य भी इमारत में हैं।’’

एपी ने कहा है कि उसे इमारत में हमास की मौजूदगी की कोई जानकारी नहीं थी और उसे उनकी मौजूदगी के बारे में सचेत भी नहीं किया गया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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