उच्चतम न्यायालय ने रिश्वत मामले में तमिलनाडु में गिरफ्तार ईडी अधिकारी को अंतरिम जमानत दी

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अंकित तिवारी को बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी। तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने तिवारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने तिवारी को अंतरित जमानत देते हुए कहा कि वह मामले में गवाहों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं करेंगे या उन्हें प्रभावित नहीं करेंगे।

पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि वह उच्चतम न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना तमिलनाडु से बाहर नहीं जायेंगे और अपना पासपोर्ट जमा करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के खिलाफ तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।  पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।’’

तिवारी के खिलाफ मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने के अनुरोध संबंधी ईडी द्वारा दायर एक अलग याचिका भी उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए रखी गई।

पीठ ने ईडी को मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और इसे 18 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। मदुरै में ईडी के उप-क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात अधिकारी तिवारी को एक दिसंबर, 2023 को तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।  उनकी गिरफ्तारी के बाद, ईडी ने तमिलनाडु पुलिस प्रमुख शंकर जीवाल के पास शिकायत दर्ज की थी और राज्य सतर्कता अधिकारियों पर मदुरै में उसके क्षेत्रीय कार्यालय से मामले के रिकॉर्ड चुराने का आरोप लगाया।

वहीं दूसरी ओर, डीवीएसी ने दावा किया था कि तलाशी के दौरान ‘‘आपत्तिजनक दस्तावेज’’ जब्त किये गये थे। राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और अन्य प्रमुख विपक्षी पार्टियां अक्सर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अपने प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करने के लिए अपनी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही हैं। तिवारी के खिलाफ मामला सीबीआई को स्थानांतरित करने के अनुरोध संबंधी ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा था। ईडी ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि वह मामले में निष्पक्ष और समुचित जांच चाहता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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