उत्तराखंड में हाथियों को ‘रेडियो कॉलर’ लगाने का अभियान शुरू

देहरादून, हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने तथा इंसानों के साथ उनके संघर्ष की संभावना को कम करने के लिए बृहस्पतिवार को हरिद्वार वन प्रभाग में 35 वर्षीय एक नर हाथी पर ‘ट्रैकिंग कॉलर’ लगाने के साथ ही उत्तराखंड में हाथियों को रेडियो कॉलर लगाने का अभियान शुरू किया।
हरिद्वार के वन प्रभागीय अधिकारी नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि हाथी को रसियाबड रेंज के दुसोवाला क्षेत्र में रेडियो कॉलर लगाया गया। इस दौरान शिवालिक परिक्षेत्र के वन संरक्षक पी के पात्रो, भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक भी मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि यह कवायद मूल रूप से मानव—हाथियों के बीच संघर्ष को न्यूनतम करने के उददेश्य से की जा रही है। अधिकारी ने हाल में हुए एक सर्वेक्षण के हवाले से बताया कि कुछ हाथी अपने प्राकृतिक आवास से निकलकर निकटवर्ती क्षेत्रों में फसलों को रौंद देते हैं और इससे उनके सीधे तौर पर इंसानों के साथ संघर्ष का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

शर्मा ने बताया, ‘‘ऐसे कम से कम दस हाथियों की पहचान की गयी है जिनकी फसलों को रौंदने के लिए मानवीय बस्तियों में घुसने की आदत है। इन सभी को एक के बाद एक रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना के मद्देनजर इस प्रकार के एहतियाती उपाय और भी महत्वपूर्ण हैं।

वन अधिकारी ने कहा कि हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाने से उपग्रहों के जरिए उनकी गतिविधियों पर आसानी से निगरानी रखी जा सकेगी और उनकी सही अवस्थिति मिलने के बाद तत्काल उस स्थान पर पहुंचकर उन्हें वहां से हटाने के प्रयास किए जा सकेंगे।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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