उत्तर कोरिया आने वाले दिनों में सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण करने की फिर कोशिश करेगा

तोक्यो, उत्तर कोरिया ने मंगलवार को जापान को अवगत कराया कि वह संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए आने वाले दिनों में एक उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा। यह सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का उत्तर कोरिया तीसरा प्रयास होगा और उसने पड़ोसी देश को इस बारे में अवगत करा दिया है। अमेरिका की तरफ से बढ़ते ‘सैन्य खतरों’ के जवाब में उत्तर कोरिया जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण को लेकर काफी उत्सुक है। लेकिन जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के इसके पिछले दो प्रयास तकनीकी समस्याओं के कारण विफल हो गये थे। जापान के तट रक्षक बल ने कहा कि उत्तर कोरिया ने बुधवार से 30 नवंबर के बीच किसी समय एक उपग्रह का प्रक्षेपण करने की अपनी योजना के बारे में तोक्यो को सूचित किया है। उत्तर कोरिया द्वारा दिए संदेश के अनुसार समुद्र में तीन क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट का मलबा गिर सकता है। जापानी तट रक्षक प्रवक्ता कजुओ ओगावा ने बताया कि कोरियाई प्रायद्वीप तथा चीन के बीच दो और फिलीपीन सागर में एक क्षेत्र की पहचान की गई है। ओगावा ने कहा कि इससे पहले मई और अगस्त में किये गये प्रक्षेपण के प्रयास के दौरान भी इन्हीं क्षेत्रों की पहचान की गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि तीसरे प्रयास के लिए भी समान उड़ान पथ तय किया गया है। उत्तर कोरिया ने जापान को प्रक्षेपण की जानकारी इसलिए दी है क्योंकि जापान का तट रक्षक बल पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा सूचनाओं का समन्वय और उनका आदान-प्रदान करता है। उत्तर कोरिया की अधिसूचना प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया द्वारा उसे अपना प्रक्षेपण रद्द करने या परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के एक दिन बाद आई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मानना है कि उत्तर कोरिया उपग्रह के प्रक्षेपण की आड़ में मिसाइल प्रौद्योगिक का परीक्षण कर रहा है, इसीलिए उसके प्रस्ताव में उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उपग्रह के प्रक्षेपण पर प्रतिबंध लगाया गया है। उत्तर कोरिया का कहना है कि अपने प्रतिद्वंद्वियों पर नजर रखने के लिए उसे अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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