उत्तर कोरिया ने रूस के ‘युद्ध’ को पूरा समर्थन जताया

सियोल, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष उनके सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए ‘‘युद्ध’’ (यूक्रेन युद्ध के संदर्भ) में अपने देश की ओर से पूर्ण समर्थन देने का संकल्प जताया और कहा कि उनका देश ‘‘साम्राज्यवाद विरोधी’’ मोर्चे पर हमेशा मॉस्को के साथ खड़ा रहेगा। किम ने रूस के साथ उत्तर कोरिया के संबंध को ‘‘पहली प्राथमिकता’’ बताया। रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं ने एक सुदूरवर्ती साइबेरियाई रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र में मुलाकात की।

             पुतिन ने अपने शुरुआती संबोधन में रूस में किम का स्वागत किया और कहा कि अपने देश में किम को देखकर उन्हें खुशी हो रही है। पुतिन ने दोनों नेताओं के बीच बातचीत के एजेंडे में आर्थिक सहयोग, मानवीय मुद्दों ओर ‘‘क्षेत्र में स्थिति’’ को शामिल किया है। क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि दोनों नेताओं ने सोयूज-2 अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र का दौरा कर वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम (एक प्रमुख रूसी अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण केंद्र) में यह बैठक शुरू की।

             इस दौरान उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रॉकेट के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सवाल पूछे। इसके बाद पुतिन और किम ने अपने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और फिर अकेले में बात की। इस मुलाकात से कुछ देर पहले उत्तर कोरिया ने समुद्र की दिशा में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागे।

             दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने तुरंत यह नहीं बताया कि उत्तर कोरिया की मिसाइलें कितनी दूर तक पहुंचीं। जापान के तट रक्षक ने तोक्यो के रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि मिसाइल संभवतः पहले ही समुद्र में गिर चुकी हैं लेकिन फिर भी उन्होंने जहाजों से गिरने वाली वस्तुओं पर नजर रखने का आग्रह किया है।

             रूस के सरकारी मीडिया ने बताया कि किम उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से अत्याधुनिक सुविधाओं और भारी हथियारों से लैस ट्रेन से लाई गई लिमोजीन कार के जरिये वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम पहुंचे।

             पुतिन ने कॉस्मोड्रोम के प्रवेश द्वार पर किम का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और पुतिन ने कहा कि उन्हें ‘‘किम को देखकर बेहद खुशी हो रही है’’। किम के दुभाषिए ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया और अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद किम को आमंत्रित करने के लिए पुतिन का आभार जताया।  कॉस्मोड्रोम में मुलाकात का दोनों नेताओं का फैसला यह दर्शाता है कि किम अपने सैन्य टोही उपग्रह विकसित करने के प्रयासों में रूस से तकनीकी सहायता चाहते हैं, जिसे वह अपनी परमाणु मिसाइल क्षमता में इजाफा करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। हाल के महीनों में उत्तर कोरिया अपने पहले सैन्य जासूसी उपग्रह को कक्षा में पहुंचाने में कई बार नाकाम रहा है।

             आधिकारिक तस्वीरों में किम के साथ उत्तर कोरिया की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष पाक थेई सोंग और नौसेना के एडमिरल किम म्योंग सिक भी नजर आ रहे थे, जो जासूसी उपग्रहों और परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों को हासिल करने के उत्तर कोरिया के प्रयासों से जुड़े हैं।

             क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह बनाने में मदद करेगा, इस सवाल पर रूस के सरकारी मीडिया ने पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘इसलिए हम यहां आए हैं। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) (उत्तर कोरिया) के नेता रॉकेट प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि रखते हैं और वे इस क्षेत्र में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

             सैन्य सहयोग के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा, ‘‘हम बिना किसी जल्दबाजी के सभी मुद्दों पर बात करेंगे। अभी इसमें समय है।’’ पुतिन के लिए किम के साथ यह बैठक गोला-बारूद के भंडार को फिर से भरने का एक अवसर है जो 18 महीने के युद्ध के कारण खत्म होता प्रतीत हो रहा है। किम के लिए यह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और वर्षों के राजनयिक अलगाव से बचने का एक मौका है।

             उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बुधवार को बताया कि किम ने कहा कि अपनी पिछली यात्रा के चार साल बाद रूस जाने का उनका निर्णय दिखाता है कि उनका देश मॉस्को के साथ अपने संबंधों के ‘‘रणनीतिक महत्व को प्राथमिकता’’ दे रहा है। केसीएनए ने कहा कि इसके बाद किम अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कहां जा रहे हैं।

             उम्मीद है कि किम आर्थिक सहायता और सैन्य प्रौद्योगिकी की मांग करेंगे। रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुदेंको ने कहा कि रूस उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ मानवीय सहायता पर चर्चा कर सकता है। हालांकि उत्तर कोरिया के साथ हथियारों का सौदा उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा जिनका रूस ने पूर्व में समर्थन किया था।  दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिम सू-सुक ने कहा कि सियोल किम की यात्रा पर बारीकी से नजर रखते हुए मॉस्को के साथ संपर्क बनाए हुए है।

             लिम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य देश को हथियारों के अवैध व्यापार में शामिल होकर उत्तर कोरिया के खिलाफ लागू सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग में शामिल नहीं होना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता को कमजोर करता है।’’ अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है, जिसमें रूस की निजी सेना वैग्नर समूह को तोपखाने के गोले बेचना भी शामिल है। रूस और उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने ऐसे दावों से इनकार किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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