प्रयागराज एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम अपनी टाउनशिप में रहने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए संयंत्र परिसर में स्थित 228 एकड़ के जलाशय में तैरता (फ्लोटिंग) सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा। मेजा ऊर्जा निगम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश सोनी ने संवाददाताओं को बताया कि इस जलाशय में अगले दो से तीन साल में 25-30 मेगावाट की तैरती सोलर परियोजना स्थापित की जाएगी और यहां से उत्पादित बिजली की आपूर्ति टाउनशिप को की जाएगी। उन्होंने बताया कि जलाशय में परियोजना के स्थापित होने से हमें भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी और जलाशय के जल के वाष्पीकरण में भी कमी आएगी। कंपनी इस जलाशय के पानी का उपयोग ताप बिजली परियोजना में करती है। सोनी ने बताया कि इसके अलावा निगम सोनभद्र जिले में स्थित रिहंद बांध के जलाशय में भी एक तैरता सौर बिजली संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश रहा है जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बातचीत अग्रिम चरण में है। उन्होंने बताया कि मेजा ऊर्जा निगम की मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट है और निगम इसी परिसर में 800-800 मेगावाट के तीन संयंत्र 2029 तक स्थापित करेगा। इसके अगले दो वर्षों में निगम अनपरा और ओबरा में 800-800 मेगावाट की दो-दो इकाई स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद मेजा ऊर्जा निगम की स्थापित क्षमता 6 920 मेगावाट हो जाएगी और यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी बन जाएगी। निगम क्षमता विस्तार पर करीब 70 000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। वर्तमान में निगम 80 प्रतिशत बिजली उत्तर प्रदेश को और शेष 20 प्रतिशत बिजली उत्तर भारत के अन्य राज्यों आपूर्ति करता है। सोनी ने बताया कि मेजा ऊर्जा निगम ने वायु प्रदूषण से बचने के लिए कई नयी तकनीकों को संयंत्र में लागू किया है जैसे उन्नत इलेक्ट्रो-स्टेटिक प्रेसिपिटेटर फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन आदि। साथ ही निगम ने लगभग चार लाख पेड़ लगाकर आसपास के इलाकों में हरित पट्टी विकसित की है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common