उप्र के सरकारी अस्पतालों में बच्चे के जन्म के तुरंत बाद मिल जाएगा जन्म प्रमाण पत्र

नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब प्रसव के तत्काल बाद नवजात शिशुओं के जन्म प्रमाणपत्र जारी किये जायेंगे तथा उसके लिये उनके माता-पिता को आवेदन नहीं करना होगा।
इसके लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने ‘मां नजवात ट्रैकिंग ऐप (माएनटीआरए)’ को जन्म पंजीकरण प्रणाली से जोड़ दिया है । उसने डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाले नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के अपने प्रयास के तहत यह कदम उठाया है।
राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने बताया कि लखनऊ स्थित जनगणना संचालन निदेशालय ने सरकारी अस्पतालों में स्वत: ही जन्म प्रमाण पत्र की सुविधा मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम-यूपी), यूनीसेफ और भारत के महापंजीयक कार्यालय (दिल्ली) के साथ हाथ मिलाया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ऐसा कर उत्तर प्रदेश सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वत: जन्म पंजीकरण को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
इस प्रक्रिया को समझाते हुए सेनशर्मा ने बताया कि ‘सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (महापंजीयक कार्यालय) ‘ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ ‘मां नवजात ट्रैकिंग ऐप’ से 17 क्षेत्रों से आंकड़े लेता है। ‘मां नवजात ट्रैकिंग ऐप’ का प्रबंधन एनएचएम-यूपी संभालता है।
सेनशर्मा ने बताया कि तब इस आंकड़े के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र तैयार किया जाता है और उस प्रमाणपत्र पर अस्पताल के रजिस्ट्रार का डिजिटल हस्ताक्षर होता है।
सेनशर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस तरह जन्म प्रमाणपत्र जन्म लेने के कुछ ही घंटों के अंदर नवजात शिशु के माता-पिता को सौंप दिये जाते हैं। यह ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) अब सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में चालू है, जो (प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर तक) रजिस्ट्रार के रूप में काम करता है , वैसे रजिस्ट्रार के स्तर पर थोड़ी -बहुत परेशानियां हैं। अबतक करीब 2500 जन्मप्रमाण जारी किये जा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया करीब 1000 सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में चालू हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘आगामी महीनों में सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा शुरू करने का हमारा प्रयास होगा, ताकि हर मामले में तत्काल स्वत: जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जा सके।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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