ऑस्ट्रेलिया ने राजदूत को वापस भेजने के फ्रांस के फैसले का किया स्वागत

कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया सरकार के मंत्रियों ने आखिरकार फ्रांस के ऑस्ट्रेलिया में अपने राजदूत को वापस भेजन के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश रद्द किए गए पनडुब्बी अनुबंध से हुए नुकसान से निपट सकते हैं।

सत्तारूढ़ रूढ़िवादी लिबरल पार्टी के उप नेता एवं कोषाध्यक्ष जोश फ्राइडनबर्ग ने ‘नाइन नेटवर्क टीवी’ से कहा, ‘‘ हम फ्रांस के ऑस्ट्रेलिया में अपने राजदूत को वापस भेजने के फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम हालिया घटनाक्रम से आगे बढ़ पाएंगे।’’

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लिए नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ (एयूकेयूएस) की 15 सितंबर को घोषणा की थी, ताकि वे अपने साझा हितों की रक्षा कर सकें और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने समेत रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर सकें। इस समझौते के कारण ऑस्ट्रेलिया ने 12 पारंपरिक ‘डीजल-इलेक्ट्रिक’ पनडुब्बियों के निर्माण के लिए फ्रांसीसी राज्य के स्वामित्व वाले नौसेना समूह के साथ 90 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (66 अरब डॉलर) का अनुबंध रद्द कर दिया था, जिसके बाद फ्रांस ने पिछले महीने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था।

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले द्रियां ने एक संसदीय समिति से कहा, ‘‘ मैंने अब अपने राजदूत को दो लक्ष्यों के साथ कैनबरा लौटने के लिए कहा है…भविष्य में ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारे संबंधों की शर्तों को फिर से परिभाषित करने में मदद करने और भविष्य में पनडुब्बी कार्यक्रम को समाप्त करने के ऑस्ट्रेलिया के निर्णय के कार्यान्वयन में हमारे हितों की रक्षा करने के लिए..’’

यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि 2016 में हस्ताक्षरित अनुबंध की समाप्ति पर ऑस्ट्रेलिया को कितना खर्च आएगा।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हालांकि कहा था कि ऑस्ट्रेलिया परियोजना पर 2.4 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च चुका है।

फ्राइडनबर्ग ने कहा कि ऑस्ट्रलिया और फ्रांस क्षेत्र में कई समान हित साझा करता है, ‘‘विशेषकर क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने को लेकर।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उम्मीद करें कि हम अपने रिश्ते दोबारा पटरी पर ले आएंगे।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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