करगिल युद्ध के शहीदों को राज्यसभा में दी गई श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली, करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ पर बुधवार को राज्यसभा में भारतीय सेना के उन जवानों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने तीन महीने तक चले युद्ध के दौरान करगिल की ऊंची पहााड़ियों को शत्रु सेना के कब्जे से मुक्त कराते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई सभापति जगदीप धनखड़ ने करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1999 में आज ही के दिन वीर जवानों ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से कारगिल में घुसपैठियों को हमारी सीमा से खदेड़ दिया था।

            उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम करगिल युद्ध में शहीद हुए लोगों के प्रति कृतज्ञतापूर्वक नमन करें, साथ ही हमारी सेनाओं और सैनिकों को भी सलाम करें जो हमारे राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।’’

            धनखड़ ने कहा कि देश के बहादुर सैनिकों ने अनुकरणीय व अपने अदम्य साहस से दुर्गम इलाकों और बेहद प्रतिकूल मौसम का सामना करते हुए दुश्मन को परास्त किया।

            उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बहादुरी की गाथा हमें हर दिन देश की सेवा के लिए प्रेरित करती रहती है। आइए कारगिल विजय दिवस मनाते हुए अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद करें। यह हमारे लिए भारत को सर्वोपरि रखने में स्वयं को पुनः समर्पित करने का भी एक अवसर है।’’ सभापति ने कहा कि वह इस प्रतिष्ठित सदन की ओर से सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं। इसके बाद सभी सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ देर मौन रखा और इस युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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