कल्याण चौबे जितनी जल्दी अध्यक्ष पद छोड़ेंगे, भारतीय फुटबॉल के लिए उतना अच्छा होगा: स्टिमक

नयी दिल्ली  भारत के बर्खास्त फुटबॉल कोच इगोर स्टिमक ने शुक्रवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष कल्याण चौबे पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह जितनी जल्दी पद छोड़ेंगे  देश में फुटबॉल के भविष्य के लिए उतना ही बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल उनकी देख-रेख में इस देश में बिल्कुल नहीं बढ़ रहा है।

             फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में टीम के पहुंचने में विफलता के बाद स्टिमक को सोमवार को मुख्य कोच के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके एक दिन बाद क्रोएशिया के इस पूर्व खिलाड़ी ने धमकी दी कि अगर 10 दिनों में उनके बकाये का भुगतान नहीं किया गया तो वह एआईएफएफ के खिलाफ फीफा पंचाट (ट्रिब्यूनल) में मुकदमा दायर करेगा।

             स्टिमक ने शुक्रवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय फुटबॉल ‘कैद’ है और उन्होंने खेल को प्रभावित करने वाली अधिकांश समस्याओं के लिए चौबे को दोषी ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान ‘झूठ और अधूरे वादों से तंग आ चुके थे’।  स्टिमक ने कहा  ‘‘कल्याण चौबे जितनी जल्दी एआईएफएफ छोड़ेंगे  भारतीय फुटबॉल के लिए उतना ही अच्छा होगा।’’

             उन्होंने कहा  ‘‘फुटबॉल दुनिया में सबसे लोकप्रिय खेल है  लेकिन भारत एकमात्र ऐसी जगह है जहां फुटबॉल आगे नहीं बढ़ रहा है।’’उन्होंने एआईएफएफ तकनीकी समिति के प्रमुख और भारत के महान खिलाड़ी आईएम विजयन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह इस पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

            उन्होंने कहा  ‘‘आईएम विजयन एक शानदार खिलाड़ी थे लेकिन वह राष्ट्रीय महासंघ की तकनीकी समिति का प्रमुख बनने लायक नहीं हैं।’’स्टिमक को मार्च 2019 में स्टीफन कांस्टेनटाइन के बाद टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। इस महीने की शुरुआत में विश्व कप क्वालीफायर के दूसरे दौर के आखिरी मैच में कतर के खिलाफ भारत की हार के कुछ दिनों बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया। स्टिमक 1998 फीफा विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली क्रोएशिया टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने करियर में पहली बार कोच के पद से बर्खास्त किया गया है।

             इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा  ‘‘मेरे करियर में  मुझे अब तक बर्खास्त नहीं किया गया था। यह पहला मौका है और यह गलत था। मैंने एआईएफएफ को अपने जवाब में इसका जिक्र किया है।’’ स्टिमक ने क्रोएशिया से कहा  ‘‘पर्याप्त समर्थन के बिना मेरे लिए अपना काम जारी रखना असंभव था  मैं झूठ  अधूरे वादों और ऐसे लोगों से घिरा हुआ था जो केवल अपने हितों के बारे में सोच रहे थे।’’इस 56 वर्षीय ने खुलासा किया एशियाई कप से पहले जब वह फीफा विश्व कप क्वालीफायर के महत्व के बारे में एआईएफएफ को समझाने की कोशिश कर रहे थे तब उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई थी। स्टिमक ने कहा कि इस बैठक के बाद उन्हें अस्पताल जाना पड़ा और हृदय संबंधी बीमारी के इलाज के लिए सर्जरी करानी पड़ी।

             इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा  ‘‘जब मैंने उन्हें बताया कि विश्व कप क्वालीफायर एशियाई कप से अधिक महत्वपूर्ण है  तो मुझे एआईएफएफ से अंतिम चेतावनी मिली। मुझे दो दिसंबर को जब अंतिम चेतावनी मिली  तो यह कोई नहीं जानता था कि मुझे इसके बाद अस्पताल जाना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा  ‘‘ जो कुछ भी हो रहा था उससे मैं परेशान था  तनावग्रस्त था। मेरे हृदय की सर्जरी हुई थी। मैं किसी से बात करने या बहाने खोजने के लिए तैयार नहीं था।’’ स्टिमक ने कहा  ‘‘एशियाई कप में अपनी टीम से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने के लिए  मैं सर्जरी के तुरंत बाद भी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: