कांग्रेस महात्मा गांधी के रामराज्य की परिकल्पना पर देश सेवा करती आई है: गौरव गोगोई

नयी दिल्ली, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी सर्वधर्म सद्भाव और सभी के सुखी होने की महात्मा गांधी की रामराज्य की परिकल्पना के आधार पर देश की सेवा करती आई है, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिलाएं सभी के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है।

गोगोई ने लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान जाने से इसलिए रोका गया ताकि उन्हें टीवी चैनलों पर आने का मौका नहीं मिले।

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस देश का जन्म 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद नहीं हुआ। इस देश का जन्म 22 जनवरी 2024 को नहीं हुआ। राम लला 500 वर्ष पहले भी हमारे साथ थे। आज भी हैं, कल आपकी सरकार जाने के बाद भी हमारे साथ रहेंगे। राम हमारे मन में हैं।’’

उन्होंने प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार की एक कविता के अंश भी पढ़े, :  ‘‘राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना, राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना, राम दया हैं क्रोध नहीं हैं जग वालों,  राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालों,  राम हुआ है नाम लोकहितकारी का, रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का।’’

गोगोई ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सेवाभाव से गांधीजी के मूल्यों से प्रेरित होते हुए और डॉ बी आर आंबेडकर से पाठ सीखते हुए भारत के नागरिकों को अधिकार देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि गांधीजी की रामराज्य की परिभाषा है, ‘‘जहां सभी खुश हैं, कोई दुखी नहीं।’’गोगोई ने कहा, ‘‘मेरा हिंदू धर्म सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है। इसमें रामराज्य का रहस्य छिपा है।’’ उन्होंने कहा कि भगवान राम की सेना में पिछड़े, वंचित और शोषित लोग थे, उन्होंने सभी को ताकत दी थी, आत्मविश्वास दिया था।

गोगोई ने कहा, ‘‘यही तो गांधी के रामराज्य की परिभाषा थी। लेकिन आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। क्या यह रामराज्य है। पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है क्योंकि उनके साथ अन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि रामायण में मां सीता का भी उल्लेख है जिन्होंने अपने संयम और शक्ति को कम नहीं होने दिया।  कांग्रेस सांसद ने कहा कि क्या यह अनुभूति महिला खिलाड़ियों समेत देश की महिलाओं को होती है।  उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दल इतने साल से समाज सेवा कर रहा है। हमने बहुत कुछ किया है, बहुत कुछ करना बाकी है। हमें यह कबूल करने में कोई संकोच नहीं है कि हमसे भी कुछ गलती हुई है।’’  इस दौरान सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं।  गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी राम मंदिर निर्माण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं सत्तापक्ष को सतर्क करना चाहूंगा कि हम नाथूराम (गोडसे) का रास्ता छोड़ें। अहंकार के रोग से बचें। रावण को अहंकार ने ही मारा। आपका अहंकार आपको महंगाई, देश में बढ़ती अस्थिरता को देखने से रोकता है।’’

उन्होंने सरकार के लिए कहा, ‘‘हम सेवाभाव से काम करते रहे। आपके पास भी जो थोड़ा समय बचा है, उसमें सेवाभाव से ही काम करें।’’  गोगोई ने यह भी कहा कि भाजपा सदस्यों के ‘जय श्रीराम’ के नारे में कटुता और क्रोध नजर आता है। उन्होंने भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा, ‘‘अगर आपकी वाणी में घृणा हो तो आप रामभक्त हो ही नहीं सकते।’’

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी (22 जनवरी को) अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे थे तो असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बोर्दोवा थान में श्रीमंत शंकर देव के जन्मस्थान नहीं जाने दिया। गोगोई ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री ने 22 जनवरी से कुछ दिन पहले मीडिया से कहा था कि 22 जनवरी को राहुल गांधी ने बोर्दोवा थान जाने की इच्छा प्रकट की है, लेकिन जिस समय चैनलों पर प्रधानमंत्री आएं, उसी समय राहुल भी आएं, यह गलत है।

उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘हमें धर्म का प्रमाणपत्र ये देंगे, हमें मंदिर जाने की अनुमति इनसे लेनी होगी। प्राण प्रतिष्ठा क्या टीआरपी का विषय था। राहुल जी की श्रद्धा में उनकी सरकार ने बाधा क्यों डाली।’’

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का संविधान किसी भी धर्म, पूजा पद्धति और मंदिर में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देता।  उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मामले में जो कुछ हुआ, उसका संविधान से लेना देना नहीं है। दुबे ने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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