काश सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए जादू की छड़ी होती : संरा महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार करने के लिए काश उनके पास ‘‘जादू की छड़ी’’ होती और उन्होंने उम्मीद जतायी कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य इस प्रक्रिया को गंभीरता से लेंगे।

मालदीव के विदेश मंत्री शाहिद को इस साल सात जुलाई को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र का अध्यक्ष चुना गया था।

शाहिद ने कहा, ‘‘काश मेरे पास सुरक्षा परिषद में बदलाव और सुधार करने के लिए जादू की छड़ी होती। 1979 में मालदीव सुरक्षा परिषद पर एक एजेंडा शामिल करने के उद्देश्य से 10 देशों के समूह में शामिल हुआ और मुझे काफी गर्व है कि मालदीव पहले 10 देशों में से एक है जिसने इसकी पहल की।’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हालांकि अध्यक्ष के तौर पर मेरे पास जादू की छड़ी नहीं है, मैं उम्मीद करता हूं कि सदस्य इस प्रक्रिया को गंभीरता से लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि वह अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) के लिए सह-वार्ताकार नियुक्त करेंगे ताकि वे और संयुक्त राष्ट्र सदस्यों के पास ‘‘इस पर काम करने के लिए और वक्त हो और मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा था, ‘‘मैंने पहले भी कई बार कहा है कि आईजीएन को धुएं की परत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आज आईजीएन पर काम शुरू करने के संशोधित फैसले के साथ हम अगले सत्र की ओर इस उम्मीद के साथ बढ़ेंगे कि हम सुरक्षा परिषद में लंबे समय से अटके सुधार की ओर निर्णायक प्रगति कर सकें।’’

महासभा के 76वें सत्र की अध्यक्षता संभालने के बाद शाहिद ने पत्रकारों से कहा कि उनकी ‘‘उम्मीद की अध्यक्षता सभी के अधिकारों का सम्मान करने और संयुक्त राष्ट्र के पुन: नवीनीकरण के बारे में हैं। हमें ऐसे संगठन की आवश्यकता है जिससे उसका उद्देश्य पूरा होता है।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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