केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम,1989 को लागू करने की मंजूरी दी

नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम,1989 में बदलाव के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश को केंद्र शासित प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे दी। इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था स्थापित हो पाएगी।

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 को लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत वहाँ पर त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था स्थापित हो पाएगी। इस फैसले से देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी।’’

जावड़ेकर ने कहा कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर में अपने जिले के विकास की योजना बनाना, उस पर अमल करना, इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता भी मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अब चुनाव की प्रक्रिया जल्दी शुरू होगी। लोग चुनाव से अपने प्रतिनिधि चुनेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद भारत के, अनेक जन कल्याण के कानून वहां लागू होना शुरु हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 से पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार प्राप्त थे और कई केंद्रीय कानून वहां लागू नहीं थे।

सरकार ने पिछले साल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह ही, त्रिस्तरीय पंचायत समिति का जो कानून पूरे देश में है, वह जम्मू कश्मीर में भी लागू हो गया। यही तो कश्मीर पर अन्याय था। जन कल्याण के अनेक कानून भारत में होकर भी वहां लागू नहीं होते थे। आज उस निर्णय पर मुहर लगी। और अब जिला विकास परिषद के सीधे चुनाव होंगे और जन प्रतिनिधियों के हाथ में सत्ता आएगी।’’ उन्होंने कहा कि लोग अब चुनाव से अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे।

जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने यह वादा किया था कि त्रिस्तरीय पंचायत समिति की रचना जम्मू-कश्मीर में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह आज के निर्णय से पूरी हो गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी। लोगों के हाथ में सत्ता आएगी। कश्मीर का एक दुख था कि सत्ता लोगों के पास नहीं, बल्कि ‘चंद लोगों’ के पास थी। अब वह आम जनता के पास आ गई है। यह बहुत बड़ा बदलाव है।’’

जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि जम्मू और कश्मीर के लोग इस बदलाव का स्वागत करेंगे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज कानून में संशोधन किया था ताकि हर जिले में जिला विकास परिषद् (डीडीसी) का गठन किया जा सके जिसमें सीधे निर्वाचित सदस्य होंगे।

केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज कानून में संशोधन करके हर जिले में जिला विकास परिषद (डीडीसी) बनाए जाने का निर्णय लिया था। प्रत्येक जिला विकास परिषद में 14 क्षेत्र होंगे और सभी में एक प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्य होगा। कुछ सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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