केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने लगाया तमिलनाडु में दलितों के ‘व्यापक उत्पीड़न’ का आरोप

नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार हो रहे हैं और द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में राजनीतिक नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। मुरुगन ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष वी पी दुरईसामी के नेतृत्व में तमिलनाडु भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शाम को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क करेगा और उनसे मामले में उचित कार्रवाई करने का आग्रह करेगा। संवाददाता सम्मेलन में दुरईसामी सहित भाजपा की तमिलनाडु इकाई के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मुरुगन ने आरोप लगाया ‘‘मई 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ अत्याचारों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। एक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में हर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार के 2 000 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।’’ उन्होंने 2022 से दलितों के खिलाफ कथित अत्याचार की घटनाओं और राज्य में भाजपा नेताओं पर हमले और हत्या की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ‘‘पूर्ण विफलता’’ को जिम्मेदार ठहराया। मुरुगन ने कहा ‘‘हाल ही में दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की हत्या कर दी गई।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में ‘‘राजनीतिक नेता भी सुरक्षित नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘अनुसूचित जाति के नेताओं और लोगों की कोई सुरक्षा नहीं है। द्रमुक सरकार में उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2023 में तमिलनाडु भाजपा के कोषाध्यक्ष शंकर की हत्या कर दी गई उसके बाद अगस्त 2023 में एक छात्र की क्रूर हत्या की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य घटना में एक स्थानीय द्रमुक पदाधिकारी ने भाजपा तमिलनाडु युवा शाखा के नेता जगन पांडियन पर घातक हमला किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा दुरईसामी के नेतृत्व में भाजपा तमिलनाडु इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल आज इस संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक ज्ञापन सौंपने जा रहा है जिसमें उनसे मामले में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया जाएगा। मुरुगन ने कहा कि द्रमुक का दावा है कि वह सामाजिक न्याय की प्रणेता है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में सामाजिक न्याय के विचार का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 22 गांवों में पंचायत अध्यक्षों को जातिगत भेदभाव के कारण कुर्सी नहीं दी गई और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका गया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया स्टालिन को राज्य में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के कारण सामाजिक न्याय के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के पूर्व अध्यक्ष मुरुगन ने द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की सहयोगी कांग्रेस पर भी निशाना साधा और राज्य में हाल ही में हुई जहरीली शराब त्रासदी पर उसकी चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कल्लाकुरिची में हुई उस घटना में करीब 70 लोग मारे गए थे। उनमें से 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी वहां नहीं गए। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: