केजरीवाल की जान खतरे में, भाजपा नफरत की राजनीति कर रही : सुनीता केजरीवाल

नयी दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने मंगलवार को दावा किया कि तिहाड़ जेल में उनके पति जान खतरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की राजनीति ‘‘नफरत’’ फैलाने और राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के काम को रोकने की है। जंतर-मंतर पर ‘इंडिया’ गठबंधन रैली को संबोधित करते हुए सुनीता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को एक बयान के आधार पर आबकारी नीति मामले में फंसाया गया। उन्होंने कहा ‘‘प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार किया यह साजिश और दबाव के कारण हुआ।’’ सुनीता ने कहा ‘‘निचली अदालत ने केजरीवाल को जमानत दे दी। लेकिन केंद्र ने दोहरी कार्रवाई की – ईडी ने जमानत पर रोक लगवा दी और सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले 22 वर्षों से मधुमेह से पीड़ित हैं लेकिन हमें उन्हें इंसुलिन दिलाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।’’ केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति का जिक्र करते हुए सुनीता ने कहा कि उनके (केजरीवाल) हाथ में एक सेंसर बंधा हुआ है जो उनके शर्करा के स्तर को रिकॉर्ड करता है। उन्होंने कहा ‘‘अगर रक्त शर्करा का स्तर 50 से नीचे चला जाता है तो मरीज कांपने लगता है। जब केजरीवाल घर पर थे तो ऐसा पांच महीने में एक बार होता था और हम उन्हें स्थिर करने के लिए कुछ मीठा देते थे। लेकिन कुछ दिन पहले हमें पता चला कि जेल में उनका शर्करा का स्तर कई बार कम हो गया है।’’ सुनीता ने कहा ‘‘मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं कि उनके (केजरीवाल) साथ कोई अनहोनी नहीं हुई। उनकी जान को खतरा है। हाल ही में उपराज्यपाल साहब ने एक पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री जानबूझकर कम खाना खा रहे हैं। यह कैसा मजाक है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इंसुलिन कम ले रहे हैं। जब रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है तो इंसुलिन दिया जाता है।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common11.00 delhi Desh न्यायालय शिंदे व उनके समर्थक विधायकों के विरूद्ध ठाकरे गुट की अर्जी पर सात अगस्त को करेगा सुनवाईनयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि जून 2022 में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े को ‘असली शिवसेना’ घोषित करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर की गयी अर्जी पर वह सात अगस्त को सुनवाई करेगा। विधानसभाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने की मांग संबंधी ठाकरे गुट की याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं। ठाकरे गुट की अर्जी पर सुनवाई से संबंधित टिप्पणी प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने तब की जब पार्टी (ठाकरे गुट) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रांकपा विवाद से जुड़े एक ओर मामले से जोड़ने का उल्लेख किया। सिब्बल ने कहा कि शिवसेना का मामला छह अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और इसे अनावश्यक रूप से (सोमवार को सूचीबद्ध) रांकपा मामले के साथ जोड़ा जा रहा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ न्यायमूर्ति जे बी पर्दीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार स्पष्ट किया कि उसने कहा था कि राकांपा और शिवसेना के विषय की एक के बाद एक कर साथ सुनवाई की जाएगी न कि उन्हें आपस में जोड़ दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा ‘‘हम सात अगस्त को इसपर सुनवाई करेंगे।’’ सोमवार को इसी पीठ ने राकांपा के शरद पवार धड़े की भिन्न अर्जी पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों से जवाब मांगा था। शरद पवार धड़े ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले धड़े को नार्वेकर द्वारा असली राकांपा घोषित करने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है। पीठ ने शरद पवार धड़े की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की इस दलील का संज्ञान लिया था कि विधानसभा का शेष कार्यकाल काफी कम रह जाने के कारण इस विषय पर त्वरित सुनवाई की जरूरत है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। पीठ ने सोमवार को कहा था कि वह राकांपा के शरद पवार गुट के विधायकों जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड की याचिका पर सुनवाई करेगी। इससे पहले पीठ ने शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट की इसी तरह की याचिका पर सुनवाई पूरी की थी।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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