केरल सरकार कुवैत अग्निकांड में मारे गए केरलवासियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देगी

तिरुवनंतपुरम  केरल सरकार ने कुवैत अग्निकांड में मारे गए केरलवासियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का बृहस्पतिवार को निर्णय किया। दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में बुधवार को एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गये थे। खबरों के अनुसार मृतकों में 40 भारतीय हैं।

            मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज सुबह मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक में यह फैसला लिया है। 

             इसमें बताया गया कि राज्य सरकार ने इस हादसे में घायल हुए लोगों को भी एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।

             बयान में यह भी बताया गया कि इस हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज और मृतकों के शव वापस भारत लाने के प्रयासों में समन्वय के लिए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को तत्काल कुवैत भेजने का निर्णय लिया गया। उनके साथ राज्य मिशन निदेशक (एनएचएम) जीवन बाबू भी जाएंगे।

             बयान के मुताबिक  प्रसिद्ध भारतीय व्यापारी एम ए यूसुफ अली और रवि पिल्लई ने मुख्यमंत्री को यह बताया कि वे इस हादसे में मारे गए प्रत्येक केरलवासी के परिवार को क्रमशः पांच लाख रुपये और दो लाख रुपये की सहायता देंगे।  बयान में बताया गया कि अनिवासी केरलवासी मामलों का विभाग (एनओआरकेए) के माध्यम से उन्हें यह आर्थिक मदद दी जाएगी और घटना में मारे गए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को दोनों व्यापारियों की मदद से 12 लाख रुपये मिलेंगे।

             केरल मंत्रिमंडल ने कुवैत अग्निकांड में लोगों की मौत पर भी दुख जताया।  बयान में बताया गया कि पीड़ितों की मदद करने के लिए एक सहायता केंद्र और एक वैश्विक संपर्क केंद्र 24 घंटे खुला रहेगा।  इसमें कहा गया कि राज्य सरकार कुवैत में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे राहत-बचाव कार्यों का भी पूर्ण समर्थन करेगी।

             कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ क्षेत्र में स्थित सात मंजिला इमारत की रसोई में बुधवार को आग लग गई थी। उन्होंने बताया कि इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रह रहे थे।गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार  आग तड़के चार बजे के बाद उस समय लगी  जब इमारत में रहने वाले 196श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे। श्रमिकों में सभी पुरुष थे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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