कैंसर के बढ़ते मामलों पर रास में जताई गई चिंता, अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग

नयी दिल्ली  आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने  देश में कैंसर के तेजी से बढ़ते मामलों और इसके इलाज पर होने वाले भारी खर्च पर चिंता जताते हुए सोमवार को राज्यसभा में इसे अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग उठाई।

उच्च सदन में शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए उन्होंने सरकार से एक ऐसा कानून बनाने की मांग की कि जिससे निजी अस्पतालों में 25 प्रतिशत कैंसर मरीजों का इलाज मुफ्त हो सके। उन्होंने कैंसर से पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था किए जाने की भी सरकार से मांग की।

सिंह ने कहा  ‘‘कैंसर की बीमारी एक इतनी बड़ी और गंभीर बीमारी है कि आदमी इससे दो तरीके से टूटता है। जिस व्यक्ति को कैंसर होता है  वह शारीरिक रूप से टूटता है और उसका परिवार आर्थिक रूप से टूटता है।’’

उन्होंने कहा कि इसके आंकड़े बहुत ही चौंकाने वाले हैं और जितनी तेजी के साथ हिंदुस्तान में कैंसर की बीमारी बढ़ रही है  उस पर पूरे सदन को चिंता करने और कदम उठाने की आवश्यकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएसओ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वरिष्ठ आप सदस्य ने कहा कि भारत में पिछले तीन सालों में कैंसर से 22 लाख लोगों की मौत हुई है जबकि साल 2022 में नौ लाख लोग इसके शिकार हुए हैं।

उन्होंने भूटान  मालदीव  लक्जमबर्ग सहित कुछ देशों की आबादी का उल्लेख किया और कहा कि देश में कैंसर से इससे अधिक लोगों की जान चली जा रही है।

कैंसर के बारे में संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इसकी सिफारिशें सरकार के सामने विचाराधीन हैं। उन्होंने इन सिफारिशों को तत्काल लागू किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।  उन्होंने कहा  ‘‘सरकार द्वारा ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिससे 25 प्रतिशत मरीजों का निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज हो सके। कैंसर के मरीज बच्चों का इलाज पूरी तरीके से मुफ्त किया जाए।’’

उन्होंने कहा  ‘‘बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश में हैजा और मलेरिया जैसी तमाम बीमारियां सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं लेकिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी अधिसूचित नहीं की गई है। यह भी एक चिंता का विषय है। इस बीमारी को तत्काल अधिसूचित किया जाए।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: