कोविड-19 : डीसीजीआई ने एंटीसेरा के मनुष्य पर पहले चरण के परीक्षण की अनुमति दी

नयी दिल्ली, भारत के औषधि महानियंत्रक ने कोविड-19 के संभावित इलाज ‘एंटीसेरा’ का मनुष्यों पर परीक्षण करने के पहले चरण की अनुमति दे दी है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ‘एंटीसेरा’ घोड़ों में अक्रिय सार्स सीओवी-2 (वायरस) का इंजेक्शन देकर विकसित किया गया है।

‘एंटीसेरा’ का विकास आईसीएमआर ने हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर किया है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड के साथ मिलकर हमने घोड़ों का ‘एंटीसेरा’ विकसित किया है और हमें अभी-अभी उसका क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति मिल गयी है।’’
सुरक्षा और प्रभाव के संबंध में अभी तक एंटीसेरा का मनुष्यों पर परीक्षण नहीं हुआ है।

‘एंटीसेरा’ एक प्रकार का ब्लड सीरम है जिसमें किसी विशेष रोगाणु से लड़ने की क्षमता रखने वाले एंटीबॉडी की मात्रा ज्यादा होती है और किसी भी विशेष संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को तत्काल बढ़ाने के लिए मनुष्य को यह इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।

आईसीएमआर ने इससे पहले कहा था, ‘‘आईसीएमआर और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, हैदराबाद ने कोविड-19 के टीके और इलाज के लिए अत्यंत शुद्ध एंटीसेरा विकसित किया है।’’ प्रकाशित होने से पहले एंटीसेरा से जुड़े इस अध्ययन को ‘रिसर्च स्क्वायर’ पर डाला गया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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