खंडित जनादेश के बाद मलेशिया के सुल्तान कर रहे सरकार गठन के लिये प्रयास

कुआलालंपुर, मलेशिया के सुल्तान ने खंडित जनादेश वाले आम चुनावों के बाद बहुमत के समर्थन वाले प्रधानमंत्री की तलाश में बुधवार को सांसदों से मुलाकात की।

उल्लेखनीय है कि चुनावों में इस्लामवादियों के उदय ने बहुजातीय राष्ट्र में चिंताओं को जन्म दिया है।

विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम के पाकातन हरपन (उम्मीदों का गठबंधन) को शनिवार को हुए चुनावों में सबसे ज्यादा 82 संसदीय सीट मिलीं लेकिन वह बहुमत के लिये जरूरी 112 के आंकड़े से काफी पीछे है।

पूर्व प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन की मलय केंद्रित पेरिकतन नेशनल (राष्ट्रीय गठबंधन) को 73 सीट पर जीत मिली है। मलेशिया में संसदीय चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने से नेतृत्व का संकट गहरा गया है और देश 2018 से अब तक तीन प्रधानमंत्री देख चुका है।

इन चुनावों में सबसे बड़ी जीत पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी को मिली जिसके खाते में 49 सीटें आईं जो 2018 के चुनावों में उसे मिली सीटों से दोगुने से भी ज्यादा हैं।

पीएएस के तौर पर जानी जाने वाली यह पार्टी इस्लामी शरिया कानून का समर्थन करती है और तीन राज्यों में इसका शासन है और यह सबसे बड़ा दल है।

शीर्ष पद को लेकर जारी खींचतान के बीच , पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है क्योंकि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अनवर के बहुजातीय गुठबंधन के जीतने पर नस्लीय परेशानियों की चेतावनी दी गई है। मलय मुसलमान मलेशिया के 3.3 करोड़ लोगों में से दो-तिहाई हैं, जिनमें काफी संख्या में चीनी और भारतीय अल्पसंख्यक शामिल हैं।

राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख एक्रिल सानी अब्दुल्ला सानी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए देशभर में रणनीतिक स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस इससे पहले नस्लीय और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे चुकी है।

इन सबके बीच सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने मंगलवार को दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद एकता सरकार का प्रस्ताव रखा लेकिन मुहीद्दीन ने इस विचार को खारिज कर दिया। इसके बाद सुल्तान ने तीसरे सबसे बड़े गुट, यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) के नेतृत्व वाले गठबंधन के सभी 30 सांसदों को बुधवार को अपने महल में बुलाया।

यूएमएनओ के राष्ट्रीय मोर्चा ने कहा कि वह दोनों में से किसी भी नेता का समर्थन नहीं करेगा और विपक्ष में रहेगा। मंगलवार देर रात एक बैठक में, अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि गठबंधन निर्णय लेने के लिए और समय मांगेगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

%d bloggers like this: