गरीबों को समर्पित और आत्मनिर्भर भारत बनाने वाला है आम बजट : भाजपा

नयी दिल्ली, आम बजट में गरीबों की अनदेखी और रोजगार सृजन के लिए समुचित प्रावधान नहीं होने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकारते हुए भाजपा ने बुधवार को राज्यसभा में दावा किया कि बजट गरीबों को समर्पित एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाला है। साथ ही सत्तारूढ़ दल ने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय के जो प्रावधान किए गये हैं, उनसे रोजगार के पर्याप्त अवसर बढ़ेंगे।

उच्च सदन में बजट पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विश्व के सामने आज ऐसा संकट खड़ा हुआ है कि विश्व के देशों की 90 प्रतिशत अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट और संकुचन आ गया।

उन्होंने कहा कि आम बजट का शेयर बाजार ने बढ़ चढ़कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 23 साल बाद पहली बार बजट के दिन शेयर बाजार में इतना अधिक उछाल दर्ज किया गया। इससे पहले 1997 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आम बजट पेश किया था तब शेयर बाजार में इतना उछाल देखा गया था।

उन्होंने कहा कि इस बजट की सभी जगह सराहना की जा रही है तथा विपक्ष इसकी जो आलोचना कर रहा है, वह सिर्फ इसलिए कर रहा है क्योंकि यह उसका काम है।

भाजपा नेता ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने 80 करोड़ गरीब व्यक्तियों को आठ माह तक 40 किलोग्राम अनाज और प्रति परिवार आठ किलोग्राम दाल उपलब्ध करायी। 20 करोड़ जनधन खातों से प्रत्येक महिला को 1500 रुपये पहुंचाये गये और इस पर कुल 30,950 करोड़ रूपये की राशि मुहैया करायी गयी।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 7.43 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों को 7.3 करोड़ निशुल्क रसोई गैस सिलेंडर मुहैया कराये गये।

सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग जनधन खातों का मजाक उड़ाते हैं, उनसे जाकर पूछना चाहिए कि कोरोना काल में यदि ये खाते नहीं होते तो गरीबों के खातों में इतना धन कैसे पहुंचाया जा सकता था?

उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश में कोरोना काल में लोगों के खातों में सीधा धन अंतरण नहीं किया जा सका और इसके लिए आठ करोड़ चैक मुद्रित करवाए गये। उस पर अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर किए गये। किंतु इसके बावजूद वह देश एक सप्ताह में 50 लाख से अधिक चैक भेजने की स्थिति में नहीं थे। इन चैकों को पहुंचाने में अमेरिका में सितंबर तक का समय लग गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कुल 27 लाख करोड़ रूपये मुहैया कराये। उन्होंने कहा कि यह राशि पांच छोटे बजट के समान थी। उन्होंने कहा कि यदि दस करोड़ लोगों के घरों में शौचालय नहीं बने होते तो कल्पना करिए कि इतने लोग कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में कहां जाते?

उन्होंने सवाल किया कि कोरोना काल में जो नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर या मुफ्त अनाज आदि दिया गया, क्या वह किसी ‘‘अदाणी, बिड़ला या टाटा के घर’’ में गया?

भाजपा सदस्य ने राजस्व एवं आयकर वसूली में कमी आने के चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल द्वारा उल्लेखित आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूरे देश में कोराना महामारी के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था तो राजस्व में कमी आना स्वाभाविक ही है। उन्होंने कहा कि इसके कारण केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व वसूली में 23 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली में कमी आने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बजट में आम आदमी पर एक पैसे का नया कर नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल आदि पर जो उपकर लगाने का बजट में प्रस्ताव है, उसका बोझ भी आम आदमी पर नहीं डाला गया।

मोदी ने कहा कि रिजर्व बैंक सहित विभिन्न संस्थानों ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में ‘‘वी’’ आकार में सुधार आयेगा जिसका अर्थ है कि सकल घरेलू उत्पाद तेजी से नीचे जाने के बाद फिर तेजी से ऊपर आएगा।

उन्होंने कहा कि इस बजट की एक और खासियत है कि इसमें पारदर्शी ढंग से लेखा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि राजकोषीय घाटा नौ प्रतिशत से अधिक है।

मोदी ने कहा कि इस बजट में सोच को बदलने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां यदि घाटे में चल रही हैं तो क्या उन्हें चलाये रखने के लिए जनता का पैसा लगाते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस तरह की सोच से बाहर निकलना पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अत्यधिक नियंत्रण और समाजवाद के कारण उत्पन्न देनदारियों को चुकाने की सोच से बाहर निकलना होगा।’’ उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को निराधार बताया कि बजट में रोजगार के लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उससे रोजगार उत्पन्न किए गए हैं।

भाजपा सदस्य ने दावा किया कि यह बजट रोजगार पैदा करने वाला, गरीबी दूर करने वाला, महंगाई नियंत्रित करने वाला तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि इस बजट का मुख्य जोर स्वास्थ्य देखभाल, पूंजीगत व्यय और वित्तीय क्षेत्र में सुधार पर है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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