गहलोत ने राजस्थान की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की

जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि राजस्थान पुलिस अपनी कार्यशैली और अनुसंधान के तौर-तरीकों में पेशेवर रुख के साथ बदलाव लाकर अपनी पहचान देश की नंबर वन पुलिस के रूप में बनाए।

गहलोत ने साथ ही कहा कि हर आपराधिक प्रकरण में पुलिस की तफ्तीश पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ हो। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोष और पीड़ित व्यक्ति के साथ अन्याय न हो तथा निष्पक्ष व त्वरित कार्रवाई से ही पुलिस महकमे का इकबाल बुलंद होगा।

गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली व दूसरी लहर के समय लॉकडाउन को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने में पुलिस विभाग ने सकारात्मक भूमिका से आमजन के बीच बेहतर छवि बनाई और इससे पुलिस के प्रति विश्वास कायम हुआ। उन्होंने कहा कि पुलिस की यही छवि आगे भी बरकरार रहनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि थानों में उचित माहौल में फरियादियों की सुनवाई के लिए स्वागत कक्षों के निर्माण तथा अनिवार्य प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही पुलिस महकमे के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण की दिशा में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों को देशभर में सराहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाने के काम को गति दी जाए।

गहलोत ने कहा कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों सहित समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने में पुलिस मानवीय नजरिए के साथ तफ्तीश करे। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए ताकि लोगों के बीच पुलिस की छवि में सुधार हो।

गहलोत ने विभिन्न प्रकार के माफिया तथा संगठित अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खनन, भू-माफिया, मादक पदार्थ तथा हथियारों की तस्करी, धोखाधड़ी तथा निवेश के नाम पर पैसा हड़पने वाले माफियाओं में पुलिस अपनी कार्रवाई से कानून का भय पैदा करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्मिकों को क्षेत्र में तैनाती देते समय उनके पिछले कार्यकाल की जानकारी जरूर ली जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तैनाती के बाद आमजन के बीच से निरंतर फीडबैक प्राप्त करने का एक सिस्टम तैयार किया जाए, जिसकी प्रभावी निगरानी गृह विभाग करे।

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि खनन माफिया, मादक पदार्थों तथा पिछड़े वर्गों के खिलाफ आपराधिक मामलों में पुलिस और अधिक प्रभावी कार्रवाई करके पीड़ित को न्याय दिलाए।

पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर ने बताया कि कई आपराधिक घटनाओं में पुलिस कार्मिकों की लिप्तता सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गयी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक्साइज एक्ट, आम्र्स एक्ट, सभी प्रकार के माफियाओं तथा एनडीपीएस प्रकरणों में अग्रसक्रिय होकर कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के अपराधों में त्वरित अनुसंधान करके अपराधियों के खिलाफ चालान प्रस्तुत करने का प्रतिशत भी बढ़ा है।

गृह सचिव अभय कुमार ने कहा कि सीसीटीएनएस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। साथ ही पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग कर रही है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर पी मेहरड़ा ने विभिन्न प्रकार के अपराधों तथा पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की तुलनात्मक स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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