गुजरात कांग्रेस व आप का दावा:आगामी चुनाव में हार के डर से कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया

अहमदाबाद, गुजरात में विपक्षी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है।

वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने मोदी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया।

गुजरात कांग्रेस के प्रभारी डॉक्टर रघु शर्मा ने कहा, ‘इन कृषि कानूनों को स्वेच्छा से निरस्त नहीं किया गया। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव आ रहे हैं। भाजपा अब चुनाव हारने से डर रही है, क्योंकि उन्हें आभास हो गया है कि लोग उन्हें वोट नहीं देंगे। उस डर से, कृषि कानूनों को आज वापस ले लिया गया।’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा, ‘अगर इस निरंकुश शासन ने डेढ़ साल पहले कांग्रेस और किसानों की बात सुनी होती, तो 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी और करोड़ों रुपये के नुकसान से बचा जा सकता था। यह सत्य और किसानों के आंदोलन की जीत है,

आप नेता इसुदान गढ़वी ने गुजरात में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘मैं उन किसानों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस अहंकारी शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की। ​​मेरा दृढ़ विश्वास है कि भाजपा ने कानूनों को निरस्त करने का फैसला इसलिये किया क्योंकि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।’

गुजरात से राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि मोदी के फैसले ने किसानों के प्रति उनके संवेदनशील रवैये को दिखाया है।

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार में एक मंत्री और गुजरात के किसान के रूप में, मैं हमारे प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री ने कानूनों को निरस्त करने का फैसला करके बड़ा दिल दिखाया। उन्होंने एक उदाहरण स्थापित किया कि लोकतंत्र में विभिन्न विचारों का सम्मान कैसे किया जाता है।’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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