गुजरात में बारिश : वडोदरा शहर के कई हिस्से दूसरे दिन भी जलमग्न, सेना बुलाई गई

वडोदरा, गुजरात के वडोदरा शहर के कई हिस्से लगातार दूसरे दिन भी जलमग्न रहे जिससे स्थिति चिंताजनक हो गई और राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया। राज्य सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने बताया कि कुछ इलाकों में 10 से 12 फुट पानी भरा हुआ है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी मंगलवार की सुबह 25 फुट के खतरे के निशान को पार कर गई। उन्होंने कहा अजवा बांध का जलस्तर फिलहाल 213.8 फुट है। हमने गेट बंद कर दिए हैं ताकि विश्वामित्री नदी में अतिरिक्त पानी न जाए। नदी फिलहाल 37 फुट पर बह रही है जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। पानी शहर में घुस गया है और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। मंत्री ने कहा कि सेना की चार टुकड़ियां फिलहाल शहर में राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक समाधान के रूप में राज्य सरकार बाढ़ के पानी को विश्वामित्री नदी में छोड़ने के बजाय नर्मदा नहर में डालने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। पटेल ने कहा वडोदरा में स्थिति चिंताजनक है क्योंकि नदी के दोनों ओर कई इलाकों में अभी भी 10 से 12 फुट पानी भरा हुआ है। कुछ इलाकों में चार से पांच फुट पानी भरा हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने 5 000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और करीब 1 200 फंसे हुए लोगों को बचाया है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की एक-एक टीम तथा भारतीय सेना की एक टुकड़ी पहले से ही शहर में फंसे लोगों की मदद के लिए काम कर रही है। इसके अलावा हमने लोगों को निकालने और भोजन सामग्री वितरित करने के लिए सेना की तीन नई टुकड़ियों तथा एनडीआरएफ एलं एसडीआरएफ की एक-एक अतिरिक्त टीम को भी काम पर लगाया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता भी लोगों की मदद कर रहे हैं हालांकि उनमें से कई के घर भी आंशिक रूप से जलमग्न हैं। पटेल ने बताया कि सिद्धार्थ नगर अकोटा हरनी-समा रोड फतेहगंज मुंजमहुदा और वडसर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा करीब 20 साल बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई है। विश्वामित्री को अजवा प्रतापपुरा और तीन अन्य बिना गेट वाले जलाशयों से पानी मिलता है। बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के रूप में हम बांध के पानी को विश्वामित्री में छोड़ने के बजाय नर्मदा नहर में डालने पर विचार कर रहे हैं। इस योजना पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ चर्चा की गई है। गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में दो दिनों में 16 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी बारिश जारी है। वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 8500 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया और इस संकट में केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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