केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की मौजूदगी में नई दिल्ली में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण, समृद्ध और उग्रवाद मुक्त पूर्वोत्तर के सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान त्रिपुरा के गृह मंत्री और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन पूरे देश और त्रिपुरा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार में विश्वास जताते हुए एनएलएफटी और एटीटीएफ ने राज्य में 35 साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त कर त्रिपुरा के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। अमित शाह ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने शांति और संवाद के जरिए एक सक्षम और विकसित पूर्वोत्तर का विजन सामने रखा है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल सड़क, रेल और फ्लाइट कनेक्टिविटी के जरिए नई दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच की दूरियों को पाटा है, बल्कि उनके दिलों के मतभेदों को भी दूर किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ‘अष्टलक्ष्मी’ और ‘पूर्वोदय’ की अवधारणाओं को मिलाकर त्रिपुरा सहित पूरे पूर्वोत्तर को विकसित करने का संकल्प लिया है, जिसमें आज का समझौता मील का पत्थर साबित होगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने रेखांकित किया कि आज का समझौता ज्ञापन पूर्वोत्तर के लिए 12वां समझौता है तथा त्रिपुरा से संबंधित तीसरा समझौता है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के माध्यम से लगभग 10 हजार उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन 12 समझौतों ने हजारों निर्दोष लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमित शाह ने कहा कि आज एनएलएफटी तथा एटीटीएफ के साथ हुए समझौते के तहत 328 से अधिक सशस्त्र कार्यकर्ता हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगे तथा न केवल विकसित त्रिपुरा के निर्माण में बल्कि विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि हिंसा छोड़ने वाले लोग देश के गौरवशाली नागरिक के रूप में विकसित त्रिपुरा के निर्माण में योगदान दे सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि भारत सरकार क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने तथा लोगों द्वारा हथियार उठाने के लिए जिम्मेदार कारणों को समाप्त करने के लिए सभी समझौतों के कार्यान्वयन में सभी संवेदनशीलताओं पर विचार करते हुए पूरे दिल से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने त्रिपुरा की जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए 250 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी समझौतों को अक्षरशः लागू किया है। उन्होंने कहा कि हर समझौते को दिल से और पूरी भावना से लागू करना मोदी सरकार की विरासत है। उन्होंने कहा कि ब्रू-रियांग समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद आज हजारों ब्रू-रियांग भाई-बहन अपने घरों में रह रहे हैं। उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनके रोजगार का ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार भी इस समझौते का पूरी तरह से पालन करेगी और गृह मंत्रालय सभी की अपेक्षाओं को पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर एक सशक्त त्रिपुरा के निर्माण की दिशा में काम करेंगे। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2015 में ही त्रिपुरा से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) हटा लिया था और इसे पूर्वोत्तर के कई हिस्सों से भी हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की तैनाती के बजाय मोदी सरकार पूर्वोत्तर की संस्कृति, भाषाओं, पहचान और विशेष रूप से आदिवासी समूहों के संरक्षण और विकास के माध्यम से पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।आज के समझौते के तहत, एनएलएफटी और एटीटीएफ ने हिंसा का रास्ता छोड़ने, अपने सभी हथियार और गोला-बारूद त्यागने तथा अपने सशस्त्र संगठनों को भंग करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा, एनएलएफटी और एटीटीएफ के सशस्त्र कैडर ने कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने और देश की अखंडता को बनाए रखने पर भी सहमति व्यक्त की है।त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने पूरे पूर्वोत्तर में स्थायी शांति, समृद्धि और सद्भावना स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।https://x.com/PMOIndia/status/1831212127970832648/photo/1