गैलिलियो के जीवन काल के बाद पहली बार एक-दूसरे के इतने करीब से गुजरे बृहस्पति-शनि

कोलकाता, खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सोमवार की शाम बेहद दिलचस्प और रोमांचक रही जब उन्होंने सौर मंडल के दो ग्रहों बृहस्पति और शनि को एक-दूसरे के बेहद करीब से गुजरते हुए देखा।

बृहस्पति और शनि की इस युति में सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह चमकदार तारे की तरह दिखा, वहीं शनि उसके सामने कुछ फीका और छोटा दिखा। कुछ देर के लिए दोनों ग्रह जब अपनी-अपनी कक्षाओं में एक-दूसरे के सामने आए तो वे एक चमकदार तारे की तरह दिखे।

करीब 400 साल बाद इतने करीब से गुजर रहे ग्रहों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग कोलकाता और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में एकत्र हुए थे। हालांकि सूर्यास्त के तुरंत बाद कोहरा होने की वजह से लोगों को इसे देखने में कुछ दिक्कत भी आयी।

बिड़ला औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पहुंचे और दूरबीन की मदद से इस नजारे को देखा।

बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी ने बताया कि 1623 (गैलिलियो का जीवन काल) के बाद ये दोनों ग्रह कभी इतने करीब नहीं आए।

उन्होंने बताया, ‘‘जब दो खगोलीय पिंड पृथ्वी से देखने पर एक-दूसरे के बेहद पास नजर आते हैं तो इसे युति कहते हैं। बृहस्पति और शनि की यह युति दुर्लभ है और यह जीवन काल में एक बार होने वाली घटना है।’’ खगोलविदों का कहना है कि सोमवार की यह युति इसलिए विशेष है क्योंकि इस बार दोनों ग्रह एक-दूसरे से बेहद करीब थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने नजरिये के हिसाब से बात करें तो बृहस्पति और शनि के बीच एक डिग्री के महज 10वें हिस्से जितनी दूरी होगी या फिर हम कह सकते हैं कि दोनों ग्रहों के बीच की दूरी चंद्रमा के पांचवें हिस्से के बराबर होगी।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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