चीन में अधिकांश कोरोना नियम हटाए जाने के बाद चंद्र नववर्ष की धूम

बीजिंग, चीन सरकार द्वारा सख्त ‘शून्य कोविड नीति’ हटाए जाने के बाद रविवार को पूरे चीन में लोगों ने चंद्र नववर्ष धूमधाम से मनाया। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

गौरतलब है कि चंद्र नववर्ष को चीन में महत्वपूर्ण वार्षिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

चीन में मनाए जाने वाले इस नववर्ष में प्रत्येक वर्ष का नाम चीनी राशियों के बारह प्रतीकों के नाम पर रखा जाता है। कोरोना महामारी के कारण पिछले तीन वर्षों से प्रभावित इस उत्सव को इस वर्ष ‘खरगोश के वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।

चीन के अधिकांश इलाकों में कोरोना संबंधी प्रतिबंधों में ढील के बाद बहुत से लोग लॉकडाउन और यात्रा निलंबन की चिंता किए बिना अपने परिवारों से दोबारा मिलने के लिए अपने-अपने गृहनगर पहुंचे।

पिछले साल की तुलना में इस साल राजधानी बीजिंग में बड़े पैमाने पर हजारों-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव के साथ ही चीन में सार्वजनिक रूप से मनाए जाने वाले वसंत उत्सव की भी वापसी हुई है।

चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुख्य महामारी विशेषज्ञ वू जुनयू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों की बड़ी संख्या में आवाजाही से कुछ क्षेत्रों में वायरस का संक्रमण फैल सकता है।

उन्होंने शनिवार को चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर लिखा, ‘लेकिन अगले दो या तीन महीनों में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि की संभावना नहीं है क्योंकि हाल की लहर के दौरान देश के 1.4 अरब लोगों में से लगभग 80 प्रतिशत लोग संक्रमित हो चुके हैं।’

बीजिंग में, कई उपासकों ने लामा मंदिर में सुबह की प्रार्थना की, लेकिन भीड़ पूर्व-महामारी के दिनों की तुलना में कम दिखी। तिब्बती बौद्ध स्थल में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक दिन में 60,000 आगंतुकों को अनुमति दी गई। इसके लिए उपासकों को पहले से आरक्षण करवाने की आवश्यकता थी।

वहीं, टैओरेंटिंग पार्क को नए साल के मौके पर पारंपरिक चीनी लालटेन से सजाए जाने के बावजूद फूड स्टाल में सामान्य हलचल का कोई संकेत नहीं दिखा।

इसके अलावा, बदाचू पार्क में एक लोकप्रिय मंदिर मेला इस सप्ताह वापस आयोजित होगा, लेकिन डिटान पार्क और लोंगटन लेक पार्क में इसी तरह के आयोजनों की वापसी अभी बाकी है।

हांगकांग में, साल की पहली अगरबत्ती जलाने के लिए, शहर के सबसे बड़े ताओवादी मंदिर, वोंग ताई सिन मंदिर में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से स्थल के लोकप्रिय अनुष्ठान को निलंबित कर दिया गया था।

परंपरागत रूप से, चंद्र नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात 11 बजे से पहले इस मंदिर में बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है, जिसमें हर कोई मंदिर के मुख्य हॉल के सामने सबसे पहले अपनी अगरबत्ती लगाने की कोशिश करता है।

उपासकों का मानना ​​है कि जो लोग मुख्य हॉल के सामने सबसे पहले अपनी अगरबत्ती रखते हैं, उन्हें अपनी प्रार्थना का उत्तर मिलने का सबसे अच्छा मौका मिलता है।

इस दौरान शनिवार रात मंदिर पहुंचे स्थानीय निवासी फ्रेडी हो इसलिए काफी खुश थे क्योंकि वह इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए।

हो ने कहा, ‘मैं पहली अगरबत्ती रखने की उम्मीद करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि नया साल विश्व में शांति लाए, हांगकांग की अर्थव्यवस्था समृद्ध हो, और महामारी हमसे दूर हो जाए तथा हम सभी सामान्य जीवन जी सकें। हर कोई यही चाहता है।’

इस बीच, ताइवान की राजधानी ताइपे के ऐतिहासिक लोंगशान मंदिर में अच्छे भाग्य की प्रार्थना करने वाले लोगों की संख्या पहले की तुलना में कम थी। हालांकि, लोगों की यह कमी आंशिक रूप से थी। महामारी में कमी आने के बाद भी लोगों की संख्या में कमी की वजह वहां के कई लोगों के लंबे समय से प्रतीक्षित यात्राओं पर ताइवान के अन्य हिस्सों या विदेश चले जाने को माना जा रहा है।

चीन में मनाए जा रहे चंद्र नववर्ष को भले ही एशिया भर के समुदाय ‘खरगोश के वर्ष’ के रूप में मना रहे हैं लेकिन वियतनाम में इसे ‘बिल्ली के वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है। हालांकि, इसका अंतर समझाने के लिए कोई आधिकारिक उत्तर नहीं है लेकिन एक सिद्धांत के अनुसार वियतनाम में बिल्लियां लोकप्रिय हैं क्योंकि वे अक्सर वियतनाम के चावल उगाने वाले किसानों को चूहों का पीछा करने में मदद करती है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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