जम्मू कश्मीर सरकार कश्मीरी प्रवासी कर्मियों के मामलों पर दे रही है ‘‘निराशाजनक’’ बयान: रैना

जम्मू, भाजपा प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने कहा है कि कश्मीरी प्रवासी कर्मियों को लेकर केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन की ओर से लगातार दिए जा रहे विरोधाभासी बयान ‘‘निराशाजनक’’ हैं और गहरी चिंता का विषय हैं।

रैना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की कि वह विस्थापित कर्मियों के लिए कश्मीर घाटी में अस्थायी आवास के निर्माण के पटरी से उतरने के कारणों का पता लगाएं।

विधान परिषद के पूर्व सदस्य ने कहा कि जान-बूझकर किए जा रहे भीतरघात से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि पुराने अनुभव समुदाय को पुन: आशंकित होने के लिए मजबूत करते हैं।

रैना ने यहां बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘विस्थापित समुदाय संबंधी मामलों को लेकर केंद्रशासित प्रशासन के लगातार विरोधाभासी बयान निराशाजनक और चिंता का विषय हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग द्वारा तुच्छ आधारों पर भूमि हस्तांतरित करने में देरी किए जाने की जांच की आवश्यकता है।

रैना ने आरोप लगाया कि प्रशासन विरोधाभासी बयान जारी कर रहा है, जिससे समुदाय के सदस्यों में दुविधा की स्थिति पैदा हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पैकेज के तहत भर्ती कर्मियों के लिए कश्मीर घाटी में बनाए जा रहे अस्थायी आवास संबंधी विरोधाभासी बयान इसका उदाहरण हैं।’’

रैना ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में 201.60 करोड़ की अनुमानित लागत पर छह स्थलों में 1,648 इकाइयों के निर्माण को प्रशासनिक मंजूरी की बात की गई है, लेकिन उपराज्यपाल ने 6,000 घरों के निर्माण की बात की थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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