जलवायु कार्रवाई बोझ नहीं, बल्कि नवोन्मेषण व वृद्धि का अवसर है: गोयल

नयी दिल्ली, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वैश्विक समुदाय के तौर पर विश्व नेताओं से ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया जहां जलवायु कार्रवाई बोझ नहीं बल्कि नवोन्मेषण व वृद्धि का अवसर हो।

             सैन फ्रांसिस्को में बृहस्पतिवार को एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के शिखर सम्मेलन में गोयल ने तय समयसीमा से नौ साल पहले 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने की भारत की उपलब्धि पर प्रकाश डाला।

             वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ उन्होंने वैश्विक समुदाय के तौर पर विश्व नेताओं से ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया, जहां स्थिरता कोई दूर की आकांक्षा नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका हो और जहां जलवायु कार्रवाई बोझ नहीं बल्कि नवोन्मेषण व वृद्धि का अवसर हो।’’

             गोयल ने ‘पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट’ (पीजीआईआई) के ‘इन्वेस्टर फोरम’ में भी हिस्सा लिया।

             फोरम की सह-मेजबानी अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो और अमेरिकी राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार अमोस होचस्टीन ने की। इसमें सहयोगात्मक कार्यों और हिंद-प्रशांत में निजी निवेश बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। रायमोंडो ने ‘हरित बदलाव कोष’ के जरिये भारत और अमेरिका के बीच जारी साझेदारी को रेखांकित किया।

             मंत्री आईपीईएफ नेताओं की बैठक में विश्व नेताओं के साथ भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कई विश्व नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान क्रिटिकल मिनरल्स डायलॉग, इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर, कैटेलिटिक फंड, इन्वेस्टर फोरम, आईपीईएफ नेटवर्क्स जैसी कई आईपीईएफ पहल की घोषणा की गई।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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