जलवायु नेता कोपेनहेगन मंत्रिस्तरीय बैठक में सीओपी29 के लिए प्राथमिकताएं तय करेंगे

नयी दिल्ली, अजरबैजान में आयोजित होने वाले अगले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की प्राथमिकताओं पर जलवायु नेता और मंत्री बृहस्पतिवार को कोपेनहेगन में चर्चा करेंगे। पिछले दिसंबर में सीओपी28 के बाद पहली बड़ी जलवायु बैठक में ये नेता संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के संबंध में चर्चा करेंगे। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता सीओपी28 के अध्यक्ष सुल्तान अल-जाबेर के साथ-साथ सीओपी29 के मनोनीत अध्यक्ष मुख्तार बाबायेव और डेनमार्क के विकास सहयोग और वैश्विक जलवायु नीति मंत्री, डैन जोर्गेंसन करेंगे।

वैश्विक थिंक टैंक ‘ई3जी’ के जलवायु नीति विशेषज्ञों ने कहा कि सीओपी28 के बाद यह पहली बड़ी जलवायु बैठक होगी।  बैठक के दौरान अगले जलवायु वित्त लक्ष्य और राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं (एनडीसी) पर चर्चा की जायेगी। भारत सहित विकासशील देश अपनी जलवायु योजनाओं का समर्थन करने के लिए प्रति वर्ष एक हजार अरब डॉलर की मांग कर रहे हैं।  वैश्विक थिंक टैंक ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ (आईआईएसडी) में वरिष्ठ नीति सलाहकार फारूक उल्लाह ने कहा, ‘‘सीओपी 29 से पहले वित्त की चुनौती बड़ी दिख रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनौती से निपटने के लिए, सरकारों को अब सभी प्रकार के संसाधन जुटाने पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें सार्वजनिक वित्त का घरेलू सुधार और निजी वित्त का लाभ उठाना शामिल है।’’

पिछले दिसंबर में सीओपी28 में एक ऐतिहासिक जलवायु समझौता हुआ था जिसमें जीवाश्म ईंधन का उपयोग चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और ऊर्जा प्राप्त करने के तरीके में बदलाव करने की अपील की गई थी।

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, नई जलवायु नीतियों के बिना भी, 2030 तक सभी जीवाश्म ईंधन की मांग अधिक होगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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