जलवायु वार्ता लक्ष्य से चूक सकती है: जॉन केरी

वाशिंगटन, अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर बंधी उम्मीदों पर यह कहते हुए पानी फेर दिया है कि अगले महीने होने वाली वार्ता के समापन पर साफ होगा कि कौन-कौन देश कोयला एवं पेट्रोलियम उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य ठीक ढंग से पूरा कर रहे हैं और कौन-कौन नहीं।

उत्सर्जनों में कटौती वैश्विक तापमान वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) के विनाशाकारी स्तर को कम करने के लिए जरूरी है।

एपी के साथ एक साक्षात्कार में केरी ने अगले महीने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में जलवायु वार्ता से पहले अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और अन्य सहयोगियों के प्रयासों की सराहना भी की जो दुनिया को बड़े एवं त्वरित जीवाश्म ईंधन कटौती की तरफ काफी करीब तक ले गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में इस दिशा में काफी देश शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा, “जब तक ग्लासगो वार्ता खत्म होगी, हमें पता चल जाएगा कि कौन अपना योगदान ठीक ढंग से दे रहा है और कौन नहीं।”

केरी ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा जलवायु पर स्वयं अमेरिका की तरफ से महत्त्वपूर्ण कार्रवाई के लिए विधेयक पारित करने में विफल रहने के प्रभाव के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “यह पेरिस जलवायु समझौते से राष्ट्रपति ट्रंप के पीछे हटने जैसा ही हो जाएगा।” जलवायु कार्रवाई पर बाइडन प्रशासन फिर से नेतृत्व पाने का लक्ष्य रख रहा है।

केरी की टिप्पणी ‘विमान, फोन और कंप्यूटर स्क्रीन’ के माध्यम से नौ महीने की गहन जलवायु कूटनीति के बाद आई है, जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु पर कार्रवाई की अधिकांश वैश्विक प्रतिबद्धताओं को हासिल करना है। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से स्कॉटलैंड में शुरू हो रहा है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: