तोक्यो : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि वह शनिवार को ‘यासूकूनी स्मारक’ गए। यह ऐसा स्थान है जिसे पड़ोसी मुल्क चीन और दक्षिण तथा उत्तर कोरिया युद्धकाल की आक्रामकता का प्रतीक मानते हैं।
आबे ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। हाल ही में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले आबे की सात वर्ष में यहां कि यह पहली यात्रा है।
उन्होंने कहा कि वह शनिवार को स्मारक गए और ‘‘युद्ध में मारे गए लोगों को याद किया।’’
जापान के पड़ोसी इसे विवादित मानते हैं क्योंकि यहां द्वितीय विश्वयुद्ध में मारे गए लाखों जापानियों के साथ ही युद्धअपराध के दोषी ठहराए गए लोग भी दफन हैं।
माना जा रहा है कि चीन और दक्षिण तथा उत्तर कोरिया इस यात्रा पर कड़ी आपत्ति जताएंगे।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया