जापान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की वकालत की

संयुक्त राष्ट्र, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मंगलवार को इस बात पर निराशा जाहिर की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) रूस के पास वीटो की शक्ति होने की वजह से रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर कुछ नहीं कर सका।

जापानी प्रधानमंत्री ने यूएनएससी में सुधार की मांग की, ताकि विश्व निकाय वैश्विक शांति और व्यवस्था का बेहतर तरीके से बचाव कर सके।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में किशिदा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन फिलहाल अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की नींव बुरी तरह से हिल गई है।

उन्होंने कहा कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के दर्शन, सिद्धांत और उस विचार को कुचल दिया है कि सभी राष्ट्रों को कानून के शासन का पालन करना चाहिए।

रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और उसने यूक्रेन पर उसकी कार्रवाई को लेकर की गई आलोचना को खारिज कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ हमें इस वास्तविकता का सामना करना चाहिए कि यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता खतरे में है।”

किशिदा ने कहा कि करीब 30 बरस से सुधारों पर चर्चा की जा रही है, लेकिन “ हमें सिर्फ बातचीत के बजाए, सुधारों की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।”

जापान लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार का हिमायती रहा है और उसका कहना है कि यह व्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध के विजेताओं ने बनाई है और यह अंतरराष्ट्रीय समाज की वास्तविकता को नहीं दर्शाती है।

जापान, जर्मनी, भारत और ब्राजील के साथ मिलकर 2004 से सुधार योजना को आगे बढ़ा रहा है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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