जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण को लेकर हुआ करार, 2023 तक उड़ान शुरू होने की उम्मीद

ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में बनने जा रहे एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण के लिए बुधवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के बीच करार हो गया। इस करार के साथ ही 2023 तक जेवर से उड़ान शुरू होने की उम्मीद है। ज्यूरिख कंपनी का प्रतिनिधिमंडल कुछ दिन पूर्व भारत आ गया था।

यमुना एक्सप्रेस- वे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह ने बताया कि हवाईअड्डे के निर्माण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से विशेष उद्देश्य कंपनी बनाई है। इस कंपनी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच हवाईअड्डे के निर्माण को लेकर करार हुआ।

कोरोना वायरस संबंधी महामारी के चलते ऑनलाइन प्रेस वार्ता हुई। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और कई देशों से प्रतिनिधिमंडलों ने इसमें भाग लिया। सिंह ने बताया कि ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारी मलेशिया और स्विट्जरलैंड से भी ऑनलाइन इस करार में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि जेवर हवाईअड्डा बनाने के लिए कई बड़ी कंपनियों ने आवेदन किए थे, लेकिन सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली बोली लगाकर ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने करीब 29,500 करोड़ रुपये की नोएडा हवाईअड्डा परियोजना को हासिल कर लिया। कंपनी ने 4 00.97 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने का प्रस्ताव दिया, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 360 रुपये, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 351 और एनकोर्ज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग लिमिटेड ने 205 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने की बोली लगाई थी।

सिंह ने बताया कि छह जुलाई 2017 को हवाईअड्डे के निर्माण की अनुमति मिली। पांच अक्टूबर 2017 को गृह मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया। 29 दिसंबर 2017 को यमुना प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का चयन किया।

उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे के निर्माण के लिए 11 जनवरी 2018 को रक्षा मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया और 23 अप्रैल 2018 को नागर विमानन मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी दी। सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर 2018 को जमीन लेने की अधिसूचना धारा (11) जारी की गई। सात मई 2019 को वैश्विक बोली निकालने को मंजूरी मिली। 29 नवंबर 2019 को नीलामी खुली जिसमें ज्यूरिख कंपनी ने सबसे ज्यादा बोली लगाई।

यमुना एक्सप्रेस- वे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि 18 मई 2020 को ज्यूरिख कंपनी की विशेष उद्देश्य कंपनी को हरी झंडी मिली। दो जुलाई 2020 को करार करने की पहली तारीख कोरोना वायरस संबंधी महामारी की वजह से टल गई। अंतत: आज इसके लिए करार हो गया।
उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में चार संस्थाएं हिस्सेदार हैं। राज्य सरकार तथा नोएडा प्राधिकरण की 37. 5 और 35. 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। ग्रेटर नोएडा तथा यमुना प्राधिकरण की 12.5 और 12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। अधिकारियों ने कहा कि आज हुए करार के साथ ही जेवर से 2023 तक उड़ान शुरू होने की उम्मीद है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

%d bloggers like this: