ट्रम्प ने डाटा सुरक्षा पर प्रतिबद्धता दोहराई, कहा टिकटॉक पर फैसला जल्द

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोहराया कि अमेरिकियों के डाटा की सुरक्षा उनकी उच्च प्राथमिकता है और वीडियो साझा करने वाली चीनी ऐप के भविष्य पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ट्रम्प ने 15 सितंबर तक टिकटॉक और वीचैट को प्रतिबंधित करने के शासकीय आदेश पर दस्तखत किए थे।

अमेरिका 20 सितंबर से वीचैट और टिकटॉक मोबाइल ऐप को जारी रखने अथवा इसके वितरण के किसी भी प्रावधान को देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति खतरा मान कर प्रतिबंधित करेगा।

व्हाइट हाउस में ट्रम्प ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘ हम इसे देख रहे हैं, सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा है और हम यथाशीघ्र निष्पक्ष फैसला करने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि हमें इसमें ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए, लेकिन हमारे पर कुछ अच्छी कंपनियां हैं और कुछ बड़े हित हैं। वे बहुत ही अतुलनीय संपत्ति है।’’

गौरतलब है कि प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल और वालमार्ट टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस से करार के लिए बातचीत कर रहे हैं।

ट्रम्प ने कहा, ‘‘हमारे पर कुछ बड़े विकल्प हैं और हम संभवत: बहुत से लोगों को खुश कर सकते हैं लेकिन सुरक्षा वह चीज है जिसकी हमें जरूरत है। हमें चीन से पूरी सुरक्षा चाहिए। बस हमें पता है कि सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए हम कुछ नहीं करेंगे।’’

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीनी सोशल मीडिया एप्लिकेशन टिकटॉक एवं वीचैट को प्रतिबंधित करने के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के फैसले का बचाव किया है।

उन्होंने कहा कि चीन, भारत सहित पड़ोसी देशों के खिलाफ ‘बहुत ही आक्रमक’ है और अमेरिकियों के डाटा की सुरक्षा की जानी चाहिए।

ब्रायन ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ वे (चीनी) बहुत प्रतिकूल लगते हैं, और वे बहुत आक्रामक लगते हैं, यह न केवल अमेरिका के प्रति है बल्कि पूरी दुनिया के देशों के साथ है। आप देखिए उन्होंने भारत के साथ क्या किया और कैसे छोटे देशों के साथ व्यवहार कर रहे हैं और दक्षिण चीन सागर के संदर्भ में देखिए, आप देखिए वे ताइवान के साथ क्या कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही असाधारण परिस्थिति है। इसलिए राष्ट्रपति ने कड़ा कदम उठाया है। इसलिए हम अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए सबकुछ कर रहे हैं, चाहे यह दूरसंचार की रक्षा हो या डाटा सुरक्षा।’’ भाषा

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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